पटना: बिहार के दरभंगा में एम्स बनाया जाना है लेकिन जमीन को लेकर मामला फंसा है. कुछ दिनों पहले ही केंद्र ने बिहार सरकार (Bihar Government) को पत्र लिखकर यह बताया था कि जो जमीन राज्य सरकार द्वारा उपलब्ध करवाई गई है वो एम्स निर्माण के लिए उपयुक्त नहीं है. अब एक बार फिर एम्स को लेकर बवाल छिड़ गया है. शनिवार (12 अगस्त) को बिहार के डिप्टी सीएम सह स्वास्थ्य मंत्री तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) ने ट्वीट किया तो केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया (Mansukh Mandaviya) ने उनके ट्वीट का जवाब दे दिया.
दरअसल, तेजस्वी यादव ने शनिवार को ट्वीट कर लिखा- "आज प्रधानमंत्री जी दरभंगा में AIIMS खुलवाने का झूठा श्रेय ले रहे थे. वस्तुस्थिति ये है कि #बिहार सरकार ने निःशुल्क 151 एकड़ जमीन केंद्र को इसकी स्थापना के लिए दिया है और साथ ही 250 करोड़ से अधिक मिट्टी भराई के लिए आवंटित किया, लेकिन दुर्भाग्यवश राजनीति करते हुए केंद्र ने प्रस्तावित AIIMS के निर्माण को स्वीकृति नहीं दी. प्रधानमंत्री से देश कम से कम सत्य और तथ्य की अपेक्षा करता है लेकिन उन्होंने सफेद झूठ बोला."
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने जवाब के साथ क्या कहा?
तेजस्वी यादव के इस ट्वीट पर जवाब देते हुए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने कहा कि मोदी सरकार विकास में राजनीति नहीं करती बल्कि विकास की राजनीति करती है. हमारी नीयत साफ है. एम्स दरभंगा की अनुमति मोदी सरकार ने 19 सितंबर 2020 को दी थी और बिहार सरकार ने 3 नवंबर 2021 को पहली जमीन दी. इसके बाद आप सरकार में आए और राजनीति करते हुए 30 अप्रैल 2023 को यह जगह बदल दी.
मनसुख मंडाविया ने कहा कि नियमों के अनुसार जमीन की जांच करने के लिए एक्सपर्ट कमेटी ने जमीन को इंस्पेक्ट किया. 26 मई 2023 को भारत सरकार ने उपलब्ध करवाई गई दूसरी जमीन एम्स निर्माण के लिए उपयुक्त नहीं है ऐसा लेटर बिहार सरकार को भेजा था जो इसके साथ शामिल है.
मनसुख मंडाविया ने क्या रखी शर्त?
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने तेजस्वी से पूछा कि आप ही बताओ जमीन को क्यों बदला गया? किसके हित में बदला गया? बिहार की विधानसभा में आपके ही विधायक ने एम्स के लिए दी गई अनुपयुक्त जमीन के लिए क्या कहा था? राजनीति से बाहर आइए और एम्स बनाने के लिए तत्काल उचित जगह दीजिए! हम बिहार में एम्स बनाने के लिए तैयार हैं.