यूक्रेन में फंसे बिहार के कई बच्चे, धमाके की आवाज से डरे-सहमे कर रहे घर वासपी की मांग, परिजनों की बढ़ी चिंता
परिजनों की मानें तो प्रवीण किसी तरह छिपकर अपनी जान बचा रहे हैं. ऐसे में वे उनके घर वापसी की मांग कर रहे हैं. उनका कहना है कि छात्रों के पास न तो खाने-पीने की कोई व्यवस्था है. न ही उनके पास कैश है.
पटना: रूस और यूक्रेन में युद्ध की शुरुआत के बाद बिहार के कई लोगों की चिंता बढ़ गई है. ऐसा इसलिए क्योंकि बिहार के कई जिलों के बच्चे यूक्रेन में फंस गए हैं. मेडिकल की पढ़ाई करने गए ये बच्चे लगातार धमाके की वजह से दहशत में हैं और परिजनों को कॉल कर स्थिति की जानकारी देते हुए घर वापसी की गुहार लगा रहे हैं. इधर, परिजन भी बच्चों के मायूस चेहरे को देखकर उदास हैं और राज्य व केंद्र सरकार से बच्चों की सकुशल वापसी की मांग कर रहे हैं.
प्रदेश के बेगूसराय जिले के दो छात्र यूक्रेन के किब शहर में फंसे हुए हैं. इनमें से एक छात्र जिले के बखरी थाना क्षेत्र के बखरी बाजार निवासी बबीता देवी का बेटा बमबम चौरसिया. वहीं, दूसरा बखरी बाजार निवासी अशोक चौधरी का बेटा राजा बाबू चौधरी है. परिजनों ने बताया कि बच्चों से रोजाना बातचीत हो रही है. लेकिन यूक्रेन में हालात ठीक नहीं हैं. लगातार बमबारी की घटना हो रही है. खाने-पीने की सामग्री भी खत्म हो रही है. डर का माहौल बना हुआ है. ऐसे में सरकार उनके घर वापसी के इंतजाम करे.
किसी तरह छिपकर बचा रहे जान
इधर, सहरसा का रहने वाला प्रवीण कुमार भारती भी यूक्रेन की राजधानी कीव में फंस गए हैं. परिजनों की मानें तो प्रवीण किसी तरह छिपकर अपनी जान बचा रहे हैं. ऐसे में वे उनके घर वापसी की मांग कर रहे हैं. उनका कहना है कि छात्रों के पास न तो खाने-पीने की कोई व्यवस्था है. न ही उनके पास कैश है. वहां, एटीएम की सुविधा बन्द कर दी गई. नेट की भी समस्या बनी हुई है. किसी तरह वीडियो कॉलिंग के जरिए बात होती है.
वहीं, गया जिले के परैया प्रखंड के परैया बाजार की रहने वाली नेहा भी यूक्रेन में फंसी हुई है. परिजन दिनभर में दर्जनों बार फोन और वीडियो कॉलिंग कर अपनी बच्ची का हाल ले रहे हैं. परिजनों ने बताया कि जहां बेटी का यूनिवर्सिटी है, वहां से 50 किलोमीटर की दूरी पर रूस ने हमला किया है. ऐसे में स्थिति कब भयावह हो जाए कहना मुश्किल है. नेहा की मां सुनीता देवी का रो-रोकर बुरा हाल है. वे भारत सरकार व पीएम से अपनी बेटी को वापस घर लाने की गुहार लगा रही हैं.
कांग्रेस नेता की बेटी भी फंसी
जानकारी अनुसार पूर्वी चंपारण के केसरिया के प्रसिद्ध डॉक्टर बिपुल कुमार राय और कांग्रेस नेता सुमित्रा कुमारी यादव की बेटी विशाखा राय भी यूक्रेन के ओडेसा शहर में फंसी हुई है. वह एमबीबीएस चतुर्थ वर्ष की छात्रा है. उसके साथ उसका छोटा भाई कुमार वैभव भी वहां फंस गया है. कुमार वैभव यूक्रेन के खारको शहर में रहकर एमबीबीएस की तैयारी कर रहा है. दोनों बच्चों के यूक्रेन में फंसने के परिजनों का हाल बेहाल है.
बता दें कि प्रदेश के सुपौल जिले के भी छह से अधिक छात्र-छात्रा यूक्रेन में फंसे हैं. ऐसे में उनके परिजन भारत सरकार से उन्हें जल्द से जल्द देश वापस लाने की गुहार लगा रहे हैं. परिजनों के अनुसार छात्र-छात्राएं होस्टल के बेसमेंट में बने बंकर में रहकर किसी तरह जान बचा रहे हैं. हॉस्टल द्वारा उन्हें खाना-पीना तो मुहैया कराया जा रहा है, लेकिन युद्ध के हालात के बीच राशन भी खत्म होने के कगार पर है.
भागलपुर और बक्सर के बच्चे भी शामिल
सुपौल के जो बच्चे यूक्रेन में फंसे हैं, उनमें जिले के त्रिवेणीगंज निवासी शंभु नारायण यादव की बेटी श्रुति कृति, अरविंद कुमार के बेटे आनंद स्वरूप, राघोपुर के गुलशन सिंह, पिपरा बाजार के सत्यजीत आनंद और प्रियंका कुमारी भी शामिल हैं. वहीं, बिहार के भागलपुर जिले के शुभम सम्राट भी यूक्रेन में फंस गए हैं. इनके अलावा बक्सर के तीन छात्रों के भी फंसे होने की खबर है. इन छात्रों में जिले के केसठ प्रखंड के दशियांव गांव निवासी हरेंद्र प्रताप द्विवेदी के बेटे अमृतांशु कुमार और इटाढ़ी प्रखंड के दो छात्र शामिल हैं.
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