पूर्णिया: बिहार की राजधानी पटना में बीते दिनों बापू सभागार में आईएमए के 96वें राष्ट्रीय अधिवेशन का आयोजन हुआ था. कार्यक्रम में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार समेत सैकड़ों डॉक्टर, स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी, मंत्री व अन्य नेता शामिल हुए थे. हालांकि, अब ये कार्यक्रम में सरकार की बड़ी गलती साबित हो रही है. ऐसा इसलिए क्योंकि कार्यक्रम में शामिल हुए कई डॉक्टर कोरोना संक्रमित पाए गए हैं. आईएमए के अधिवेशन से भाग लेकर पूर्णिया लौटे 12 डॉक्टरों की कोरोना टेस्ट रिपोर्ट पॉजिटिव आई है.
अस्पताल प्रशासन में मचा हड़कंप
इन सभी डॉक्टरों बीते सोमवार को पटना में आयोजित में अधिवेशन में हिस्सा लिया था, जहां सभी की कोरोना जांच हुई थी. इसमें 12 डॉक्टरों की रिपोर्ट पॉजिटिव पाई गई है. रिपोर्ट आने के बाद अस्पताल प्रशासन में हड़कंप मचा हुआ है. ऐसा इसलिए क्योंकि इन सभी डॉक्टरों में पूर्णिया में सैकड़ों मरीज भी देखे हैं.
मरीज के भी कोरोना संक्रमित होने की पुष्टि
बता दें कि कोरोना संक्रमित डॉक्टरों में गायनो सर्जन, न्यूरो सर्जन, जनरल सर्जन से लेकर कई फिजीशियन भी शामिल हैं. बताते चलें कि अधिवेशन में शामिल एक हड्डी रोग विशेषज्ञ के नर्सिंग होम में उनके द्वारा देखे गए मरीज के भी कोरोना पॉजिटिव होने की पुष्टि हुई है. इस मामले में पूर्णिया के सिविल सर्जन डॉक्टर एस.के वर्मा ने बताया कि डॉक्टरों द्वारा ऐसी लापरवाही बरतना अफसोस जनक है. अधिवेशन में शामिल डॉक्टरों के समस्त स्टाफ और उनके द्वारा देखे गए मरीजों को ट्रेस कर सभी की जांच की जाएगी.
एनएमसीएच के 17 जूनियर डॉक्टर कोरोना पॉजिटिव
मालूम हो कि बिहार की राजधानी पटना स्थित नालंदा मेडिकल कॉलेज अस्पताल के भी 17 जूनियर डॉक्टर कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं. दरअसल, शनिवार को अस्पताल में कुल 75 जूनियर डॉक्टरों का सैंपल लिया गया था, जिनमें में 17 डॉक्टरों की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है. पॉजिटिव पाए गए डॉक्टरों का जांच एंटीजन टेस्ट किट द्वारा की गई थी. इस संबंध में अस्पताल के अधीक्षक डॉ. विनोद ने बताया कि पॉजिटिव पाए गए सभी डॉक्टरों के सैंपल को आरटी पीसीआर टेस्ट के लिए भेजा गया है.
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