पटना: बिहार में काफी लोग विवाहों को या तो स्थगित कर रहे हैं या उन्हें टाल रहे हैं. वहीं, कई लोग ऐसे भी हैं जो 'बैंड-बाजा-बारात' के बिना विवाह करने का फैसला कर रहे हैं. बिहार में कोविड-19 संकट के बीच 11 दिनों का लॉकडाउन लगा दिया गया है. पांच और 15 मई के बीच लगन की कई तिथियां थीं जब राज्य में लॉकडाउन है. विवाह हॉल के मालिकों ने कहा कि अधिकांश लोग बुकिंग रद्द कर रहे हैं. राज्य सरकार ने लॉकडाउन के दौरान केवल 50 लोगों को विवाहों में शामिल होने की अनुमति दी है. इसके अलावा, डीजे, बारात और 'बैंड-बाजा' (ऑर्केस्ट्रा) प्रतिबंधित कर दिया गया है.
इसके अलावा, विवाह के लिए स्थानीय पुलिस थाने को तीन दिन पहले सूचित किया जाना जरूरी है और मंजूरी के बाद ही विवाह किया जा सकता है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने लोगों से कोविड-19 मामलों में बढ़ोतरी के मद्देनजर शादियों जैसे सामाजिक कार्यों को टालने की भी अपील की है. पटना के पनचे होटल के प्रबंधक कुमुद शर्मा ने बताया कि शादियों के लिए अग्रिम बुकिंग में से लगभग 90 फीसदी स्थगित कर दिया गया है. उन्होंने कहा, ''कुछ लोग जिनके लिए तारीख बदलना अपरिहार्य था, वे साधारण शादी करने का फैसला कर रहे हैं. केवल कुछ ही अतिथि आएंगे और कोई बैंड-बाजा-बारात नहीं होगा.''
बुकिंग को आगामी तारीखों के लिए टाला जा रहा है
इसके अलावा, ये शादियां गांधी मैदान पुलिस थाने से अनुमति मिलने के बाद ही होंगी. मौर्य होटल में भी ऐसी ही स्थिति है. होटल के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ''इस अवधि के दौरान अधिकांश बुकिंग को आगामी तारीखों के लिए टाला जा रहा है.'' पटना में मसाला जंक्शन रेस्तरां- सह-भोज हॉल के मालिक विजय सिन्हा ने कहा कि उनके यहां की लगभग सभी अग्रिम बुकिंग स्थगित कर दी गई है.
अरवल जिले के चुल्हन बिगहा गांव के मूल निवासी राम बिहारी सिंह ने कहा, ''हमने 6 मई को औरंगाबाद में अपने भतीजे की एक भव्य शादी की योजना बनाई थी. लेकिन, 'बैंड-बाजा' के बिना यह एक 'फीका समारोह' रहा और अतिथि सूची में भारी कटौती की गई.''
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