Maruti Suzuki Automate Driving Licence Test: जानी मानी वाहन विनिर्माता मारुति सुजुकी इंडिया (एमएसआई) ने बिहार के भागलपुर, दरभंगा, गया, पूर्णिया और सारण में ‘ड्राइविंग लाइसेंस परीक्षण ट्रैक’ को स्वचालित करने के लिए राज्य सरकार के साथ समझौता किया है. मारुति ने बुधवार को बयान में कहा कि मानवीय हस्तक्षेप से रहित स्वचालित ड्राइविंग परीक्षण ट्रैक की स्थापना का उद्देश्य लाइसेंस परीक्षण को अधिक व्यापक, कुशल और पारदर्शी बनाना है. 


औरंगाबाद में बना था मारुति का आईडीटीआर


एमएसआई के कार्यकारी अधिकारी (कॉरपोरेट मामले) राहुल भारती ने कहा कि कंपनी 2018 से ही बिहार सरकार के साथ जुड़ी हुई है और अब पांच नए जिलों में इन स्वचालित ट्रैक का विस्तार किया जा रहा है. मारुति ने 2018 में औरंगाबाद में ड्राइवर प्रशिक्षण देने के लिए राज्य का पहला ‘इंस्टीट्यूट ऑफ ड्राइविंग एंड ट्रैफिक रिसर्च’ (आईडीटीआर) स्थापित किया था. उसके बाद 2020 में औरंगाबाद और 2021 में पटना में कंपनी ने स्वचालित ड्राइविंग परीक्षण ट्रैक (एडीटीटी) शुरू किया था.


मारुति सुजुकी ने अपने बयान में कहा कि इन ऑटोमेटेड ड्राइविंग टेस्ट ट्रैक का उद्देश्य लाइसेंस टेस्टिंग प्रक्रिया को अधिक व्यापक, कुशल और पारदर्शी बनाना है. यह सिस्टम मानवीय हस्तक्षेप से मुक्त होगा, इससे निष्पक्षता सुनिश्चित होगी. 


परिवहन मंत्री शीला कुमारी ने क्या कहा? 


बिहार की परिवहन मंत्री शीला कुमारी ने कहा कि मारुति सुजुकी और बिहार सरकार का यह प्रयास सड़क सुरक्षा में सुधार की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है. एमएसआई के साथ सहयोग से बिहार में सड़क दुर्घटनाओं में कमी लाने और जिम्मेदार ‘ड्राइविंग’ को बढ़ावा देने में मदद मिलेगी. परिवहन मंत्री भारत की अग्रणी ऑटोमोबाइल निर्माता कंपनी मारुति सुजुकी की सड़क सुरक्षा और उनके राष्ट्रव्यापी कार्यक्रमों के प्रति प्रतिबद्धता की सराहना की. केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक, भारत में 2014 से 2023 के बीच 10 वर्षों के भीतर सड़क हादसों में 15.3 लाख लोगों की जान चली गई. 


ये भी पढ़ेंः Gopal Mandal: '...तो तुम्हें मरवा भी देंगे', सीएम नीतीश के विधायक ने रिटायर्ड सैनिक को भी नहीं छोड़ा, मामला दर्ज