Medical Colleges In Bihar: बिहार (Bihar) राजनीतिक लिहाज से अति महत्वपूर्ण राज्य है, इसीलिए आए दिन बिहार चर्चा के केंद्र में रहता है. लेकिन बिहार कई मानकों के क्षेत्र में पिछड़ा राज्य (backward state) है. आबादी (population) के हिसाब से देश के तीसरे सबसे बड़े राज्य में हेल्थ इन्फ्रास्ट्रक्चर (health infrastructure) वर्षों से मानकों से काफी नीचे है. समय-समय पर इसे लेकर खबरें आती हैं, लेकिन स्वास्थ्य संबंधी परिस्थियों में कोई ख़ास सुधार नहीं आया है. ऐसे में यह जानना बेहद जरूरी हो जाता है की राज्य में मेडिकल कॉलेज (Medical college) की क्या स्थिति है. क्योंकि राज्य में कोरोना (corona) की तीनो लहरें आने के बाद डॉक्टरों की भारी कमी देखने को मिली है.
बिहार की आबादी के हिसाब से यहाँ मेडिकल कॉलेजों की संख्या काफी काम है. बिहार के स्वास्थ्य मंत्रालय (health ministry of bihar) की वेबसाइट पर दिए आकड़ों के मुताबिक राज्य में 13 सरकारी मेडिकल कॉलेज (Government medical college) हैं. इन 13 कॉलेजों में MBBS की 1390 सीटें हैं. इन कॉलेजों में छात्र-छात्राएं मेडिकल की पढाई कर रहे हैं. यानी हर साल बिहार के लोगों को जितने डॉक्टर चाहिए इस हिसाब से राज्य में मेडिकल की सीटें बहुत कम हैं.
बिहार में कितने सरकारी मेडिकल कॉलेज हैं?
सूबे में कुल 13 सरकारी मेडिकल कॉलेज हैं. इनके नाम हैं- पटना मेडिकल कॉलेज, नालंदा मेडिकल कॉलेज, श्री कृष्णा मेडिकल कॉलेज, दरभंगा मेडिकल कॉलेज, जवाहर लाल नेहरु मेडिकल कॉलेज, अनुग्रह नारायण मेडिकल कॉलेज, गवर्नमेंट कॉलेज बेतिया, डेंटल कॉलेज पटना, आयुर्वेदिक कॉलेज पटना, आयुर्वेदिक कॉलेज भागलपुर, वर्धमान इंस्टीट्यूट ऑफ़ मेडिकल साइंस, जननायक कर्पूरी ठाकुर मेडिकल कॉलेज मधेपुरा.
बिहार में कितने प्राइवेट मेडिकल कॉलेज हैं?
बिहार में 8 प्राइवेट मेडिकल कॉलेज चल रहे हैं. जिनमें एमबीबीएस और एमडी की पढाई होती है. जो प्राइवेट कॉलेज अभी संचालित किये जा रहे हैं उनमें- कटिहार मेडिकल कॉलेज, लॉर्ड बुद्धा मेडिकल कॉलेज सहरसा, मधुबनी मेडिकल कॉलेज मधुबनी, माता गुजरी मेमोरियल मेडिकल कॉलेज किशनगंज, नारायण मेडिकल कॉलेज सासाराम, नेताजी सुभाष मेडिकल कॉलेज पटना, राधा देवी जागेश्वरी मेडिकल कॉलेज और श्री नारायण मेडिकल इंस्टीट्यूट एंड हॉस्पिटल शामिल हैं. बता दें कि इन प्राइवेट कॉलेजों में 1050 मेडिकल की सीटें हैं.
बिहार में कितने सरकारी मेडिकल कॉलेज खुलने वाले हैं ?
बिहार सरकार राज्य में 10 और सरकारी मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल खोलने जा रही है. जमुई, बक्सर, सीवान, छपरा, समस्तीपुर, महुआ (वैशाली), आरा, बेगूसराय, मधुबनी और सीतामढ़ी में नए मेडिकल कॉलेजों की स्थापना प्रस्तावित हैं.
आबादी के लिहाज से डॉक्टर- बुरा हाल है
बिहार में मानव संसाधन की स्थिति में कोई ख़ास सुधार नहीं हुआ. आज भी बिहार में डॉक्टरों और पैरामेडिकल स्टाफ की भारी कमी है. राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन (NHRM) की अनुशंसा के बावजूद पर्याप्त काम नहीं हुआ.
WHO के मुताबिक एक हज़ार की आबादी पर एक डॉक्टर होने चाहिए. वैसे तो बिहार सरकार दावा करती है कि 12 करोड़ की आबादी एक लाख 19 हज़ार डॉक्टर हैं. लेकिन सरकार के इस दावे को समझने के लिए ये बात भी ध्यान रहे कि सरकार इन डॉक्टरों में किन्हें शुमार कर रही है. सरकार के मुताबिक बिहार में इस वक्त 40,200 एलोपैथिक डॉक्टर्स, 33,922 आयुष डॉक्टर्स, 34,257 होम्योपैथिक डॉक्टर्स, 5,203 यूनानी डॉक्टर्स और 6,130 डेंटिस्ट हैं.
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