पटना: लोक जनशक्ति पार्टी रामविलास के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान (Chirag Paswan) बिहार की राजनीति में काफी एक्टिव हैं. चिराग पासवान अब चाचा पशुपति पारस (Pashupati Paras) को झटका देने की तैयारी में हैं. पशुपति पारस की पार्टी राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी के सांसद महबूब अली कैसर (Mehboob Ali Kaiser) ने सोमवार को पटना में चिराग पासवान से मुलकात की. बता दें कि महबूब अली कैसर खगड़िया से 2019 में लोजपा के टिकट से लोकसभा चुनाव जीते थे, जब लोजपा (LJP) में टूट हुई तो वह पारस खेमे में चले गए थे. पारस को मिलाकर राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी में पांच सांसद हैं. 


चिराग समझौता के मूड में नहीं 


सूत्रों के अनुसार महबूब अली कैसर 2024 लोकसभा चुनाव चिराग पासवान की पार्टी से लड़ सकते हैं. चाचा की पार्टी को चिराग पासवान बड़ा झटका चिराग दे सकते हैं, जबकि बीजेपी कोशिश में है कि चाचा-भतीजा एक हो जाएं लेकिन चिराग और पारस समझौता करने के मूड में नहीं हैं. लोजपा रामविलास में चिराग पासवान अकेले सांसद हैं. 2019 के लोकसभा चुनाव में बिहार में लोजपा के छह सांसद जीते थे. लोजपा में टूट हुई तो राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी और लोजपा रामविलास बनी. राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी में केंद्रीय मंत्री पशुपति पारस, सांसद प्रिंस राज, सांसद चंदन सिंह, वीना देवी, महबूब अली कैसर हैं. पारस के पार्टी में कुल पांच सांसद हैं. एनडीए की सरकार में पशुपति पारस कैबिनेट मंत्री हैं. 


चाचा-भतीजा को मिलाने की कोशिश कर रही है बीजेपी


चिराग पासवान 2020 का बिहार विधानसभा चुनाव एनडीए से अलग होकर लड़े थे. जेडीयू के खिलाफ हर सीट पर उम्मीदवार दिए थे. बीजेपी के खिलाफ उम्मीदवार नहीं उतारे थे, तब जेडीयू भी एनडीए में थी. हाल के दिनों में बिहार में हुए विधानसभा उपचुनावों में चिराग पासवान ने बीजेपी के लिए प्रचार किया था. जल्द वह औपचारिक रूप से एनडीए में वापसी कर सकते हैं. बीजेपी चाहती है कि पारस और चिराग हाथ मिला लें लेकिन दोनों इसके लिए तैयार नहीं हैं. इसी बीच पारस के पार्टी के सांसद महबूब अली कैसर की मुलाकात के बाद अटकलों का दौर शुरू हो गया है.


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