बिहारः मुजफ्फरपुर जंक्शन पर दिखा पलायन करने वालों दर्द, कहा- यहां रोजगार नहीं तो क्या करें?
मुजफ्फरपुर जंक्शन पर अपने गांव-घर को छोड़कर जाने वालों ने बताई समस्या.किसी ना कहा पढ़ाई के लिए जा रहे तो किसी ने कहा बिहार में नहीं है नौकरी.
मुजफ्फरपुरः कोरोना और लॉकडाउन की वजह से घर लौटे लोगों को अब पेट की मार सताने लगी है. फिर से वे रोजी-रोटी और नौकरी के लिए पलायन करने को मजबूर हो गए हैं. मुजफ्फरपुर जंक्शन पर ऐसे कई यात्री मिले जो घर से बाहर नौकरी के लिए या अपने धंधे के लिए जाने को मजबूर दिखे. कोई अकेला जा रहा तो कोई अपने पूरे परिवार के साथ. किसी की आंखों में पानी तो किसी को अपनों से बिछड़ने का दर्द दिखा.
इस दौरान बीते सोमवार को मुजफ्फरपुर स्टेशन से दूसरे शहर में जाने वाले लोगों ने बताया कि उन्हें रोजी-रोटी के लिए घर से जाना पड़ रहा है. लॉकडाउन की वजह से घर लौटना पड़ा था लेकिन अब पेट की मार भी देखनी है. एक महिला प्रीति महाराजने कहा कि वह अपने पति और परिवार के साथ गुजरात जा रही हैं. उन्हें अपनों को छोड़कर जाने का गम तो है पर नहीं जाएंगे तो करेंगे क्या? आखिर बच्चों के भविष्य को भी देखना है. यहां कोई काम धंधा है नहीं तो फिर क्या करेंगे. पति गुजरात मे काम करते हैं, लॉकडाउन की वजह से वापस आना पड़ा था.
'नौकरी करने जा रहे क्योंकि पेट की बात है'
कुछ ऐसी ही समस्या दूसरी महिला लक्ष्मी साह ने भी बताई. उन्होंने कहा कि कई लोग हैं जो लॉकडाउन की वजह से घर लौटे थे. अब फिर से नौकरी करने के लिए जा रहे हैं क्योंकि पेट की बात है. स्टेशन पर ही मौजूद एक यात्री आदित्य पंडित ने थपाक से बीच में कहने लगे कि यहां काम-धंधा नहं मिलने कि वजह से घर वालों को छोड़कर दूसरे राज्य जाना पड़ रहा है ताकि घर पैसे भेज सकें.
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