कैमूर: रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध की शुरुआत के बाद भारतीय मूल के वैसे सभी लोग परेशान हैं, जिनके परिजन यूक्रेन में फंस गए हैं. वहीं, वो लोग और भी ज्याद परेशान हैं, जिनके बच्चे वहां फंसे हैं. परिजन लगातार सरकार से बच्चों की सकुशल वापसी की गुहार लगा रहे हैं. इधर, युद्ध में फंसे बच्चे लगातार परिजनों को कॉल करके स्थिति की जानकारी दे रहे हैं. इसी बीच बिहार के कैमूर जिले के रामगढ़ थाना क्षेत्र के गोड़सरा गांव निवासी एक फौजी ने अपने बेटे को युद्ध से बचने के कई टिप्स दिए हैं.
सायरन की आवाज सुनते ही बरतें सतर्कता
मेडिकल की पढ़ाई करने यूक्रेन गए विकास सिंह के फौजी पिता ने उनसे कहा है कि सायरन की आवाज सुनते ही सतर्कता बरतनी है. जब भी सायरन बजता है तो बंकर के अंदर जाकर छिप जाना है. उन्होंने कहा कि हम भी फौज में थे, देश की सेवा की है. हमने वार को बहुत नजदीक से देखा है. ऐसे में जब भी सायरन बजे बंकर और जमीन के अंदर ही रहना है क्योंकि बमबारी अगर होती है तो जमीन के अंदर लोगों को नुकसान कम पहुंचता है.
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उन्होंने बताया कि जिस यूनिवर्सिटी में उनका बेटा है, वहां लगभग 400 छात्र फंसे हुए हैं. उसके बेटे के ग्रुप में 15 बच्चे हैं, जो एक साथ हैं. वहां बगल में भी अंडर ग्राउंड टाइप मकान हैं, जिसमें वहां के लोग भी रह रहे हैं. हालांकि, स्थिति को देखते हुए हम भारत सरकार से मांग करते हैं कि बच्चों को जल्द से जल्द भारत बुला लिया जाए. वहीं, गोड़सरा गांव के ग्रामीणों ने बिहार सरकार से मांग की है कि उनके परिवार के बच्चों की जल्द से जल्द घर वापसी हो.
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