पटना: बिहार के भवन निर्माण विभाग के मंत्री अशोक चौधरी ने गुरुवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की ओर से राज्य के इंजीनियरिंग-मेडिकल कॉलेजों में 33 प्रतिशत सीट लड़कियों के लिए आरक्षित करने की घोषणा को ऐतिहासिक बताया. साथ ही मुख्यमंत्री के इस निर्णय को महिला सशक्तिकरण के प्रयासों के लिए मील का पत्थर कहा है.
आत्मनिर्भरता का मार्ग प्रशस्त होगा
अशोक चौधरी ने कहा कि राज्य के इंजीनियरिंग और मेडिकल कॉलेजों में नामांकन में न्यूनतम एक तिहाई सीटें छात्राओं के लिए आरक्षित करने से इन कॉलेजों में छात्राओं की संख्या और बढ़ेगी. मुख्यमंत्री के इस निर्णय से राज्य की बच्चियों के लिए आत्मनिर्भरता का नया एवेन्यु खुलेगा, मार्ग प्रशस्त होगा.
उन्होंने कहा कि विशाल क्षेत्रफल और जनसंख्या घनत्व वाले बिहार में आधी आबादी महिलाओं की है और हमारे दूरदर्शी मुख्यमंत्री का राज्य की गरीब बच्चियों को स्कूल जाने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए मुख्यमंत्री बालिका साइकिल योजना और पोशाक योजना जैसे निर्णय ये दर्शाते हैं कि किस संवेदनशीलता के साथ वो राज्य की आधी आबादी को आत्मनिर्भर और सशक्त बनाने के लिए प्रयासरत रहते हैं.
मुख्यमंत्री को दिया धन्यवाद
मंत्री ने कहा, " बिहार देश का पहला ऐसा राज्य है, जहां ये ऐतिहासिक निर्णय लिया गया है. इसके लिए मैं अपने नेता को ह्रदय से धन्यवाद देता हूं. मेरा ऐसा विश्वास है कि जिस प्रकार सीमित संसाधनों के साथ नीतीश कुमार के दूरदर्शी नेतृत्व में बिहार लगातार देश के लिए अनुकरणीय योजनाएं देता रहा है, इंजीनियरिंग-मेडिकल कॉलेजों में 33 प्रतिशत सीट लड़कियों के लिए देने का हमारे नेता का निर्णय भी पूरे देश में नज़ीर बनेगा और सम्पूर्ण राष्ट्र इसे अंगीकार करेगा."
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