Bihar News: जीतन राम मांझी ने राष्ट्रपति को लिखा पत्र, किशोर कुणाल के लिए की भारत रत्न की सिफारिश
Jitan Ram Manjhi: जीतन राम मांझी ने कहा कि आचार्य किशोर कुणाल को भारत रत्न देने की अनुशंसा करते हुए उन्हें खुशी महसूस हो रही है. वो एक शानदार आईपीएस अधिकारी और समाजसेवी थे.
Minister Jitan Ram Manjhi: भारत सरकार में सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्री और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने आचार्य किशोर कुणाल को भारत रत्न देने की सिफारिश की है. जीतन राम मांझी ने इसके लिए राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को पत्र लिखा है. अपने सिफारिशी पत्र में जीतन राम मांझी ने कहा है कि समाज में आचार्य किशोर कुणाल के व्यापक योगदान के कारण वे भारत रत्न देने की सिफारिश कर रहे हैं.
केंद्रीय मंत्री ने पत्र में क्या लिखा?
केंद्रीय मंत्री ने पत्र में लिखा है कि वे आचार्य किशोर कुणाल को व्यक्तिगत रूप से जानते हैं. 1972 बैच के आईपीएस अधिकारी आचार्य किशोर कुणाल अयोध्या मामले के समाधान के लिए विशेष पदाधिकारी के रूप में कार्यरत थे. जीतन राम मांझी ने पत्र में लिखा है कि आईपीएस अधिकारी होने के साथ-साथ आचार्य किशोर कुणाल ने धार्मिक क्षेत्र में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. उनके कुशल नेतृत्व में महावीर मंदिर ट्रस्ट ने महावीर कैंसर संस्थान की स्थापना की, जहां गरीब और वंचित लोगों को स्वास्थ्य सेवाएं मिल रही हैं.
जीतन राम मांझी ने कहा कि उन्होंने पटना में ज्ञान निकेतन विद्यालय की भी स्थापना की. कैमूर पहाड़ी पर गुप्त काल के एकमात्र विद्यमान मंदिर मुंडेश्वरी भवानी के जीर्णोद्धार में भी उन्होंने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी. उनकी पहल और प्रयासों के कारण ही बिहार के पूर्वी चंपारण में दुनिया के सबसे बड़े विराट रामायण मंदिर का निर्माण शुरू हुआ. जीतन राम मांझी ने राष्ट्रपति को लिखे पत्र में कहा है कि आचार्य किशोर कुणाल को भारत रत्न देने की अनुशंसा करते हुए उन्हें खुशी महसूस हो रही है.
'वे एक शानदार आईपीएस अधिकारी'
वहीं मांझी ने अपने एक्स अकाउंट पर पोस्ट कर कहा, "HAM जो कहते हैं वह करतें हैं, आज मैंने महामहिम राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को एक अनुशंसा-पत्र भेजकर स्व. किशोर कुणाल को भारत रत्न देने की मांग की है. उनका नाम भारत रत्न पुरस्कार के लिए अनुशंसा करते हुए मुझे गर्व हो रहा है. वे एक शानदार आईपीएस अधिकारी, समाजसेवी और धार्मिक क्षेत्र में एक प्रेरणा स्तंभ थे. उनका योगदान सदैव हमारी स्मृतियों में बना रहेगा"
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