पटना:  बिहार विधानसभा में गुरुवार को जिस तरह बीजेपी (BJP) कोटा से मंत्री बने जीवेश मिश्रा (Jivesh Mishra) पटना के डीएम और एसएसपी पर भड़के थे, उसके बाद ये तय माना जा रहा था कि बड़ा बवाल होगा. लेकिन अब ऐसा कुछ नहीं होने वाला क्योंकि जीवेश मिश्रा के तेवर नरम पड़ गए हैं. ऐसा इसलिए क्योंकि गुरुवार दिन भर जारी रहे बवाल के बाद पटना डीएम और एसएसपी दोनों देर रात मंत्री के आवास पहुंचे. खबर है कि दोनों जीवेश मिश्रा को मनाने गए थे. वहीं, इस दौरान कई और नेता भी मंत्री आवास में मौजूद थे. 


अपने आरोपों से भी पलट गए मंत्री


सूत्रों की मानें रात के अंधेरे में दोनों अधिकारी चुपचाप मंत्री को मानने पहुंचे थे, ताकि उनका गुस्सा शांत हो जाए और जिस प्रकार से उन्होंने बिहार के अधिकारियों पर आरोप लगाया था उसका निराकरण हो जाए. हुआ भी ऐसा ही. अधिकारियों के आवास पहुंचने के बाद मंत्री पिघल गए और अपने आरोपों से भी पलट गए. 


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घंटों बंद कमरे में मुलाकात के बाद उन्होंने बाहर आकर कहा कि किसी अधिकारियों के प्रति मेरी नाराजगी न थी, न है. मैंने तो बस जो सम्मान को लेकर मुद्दा है, उसे उठाया है. उम्मीद करता हूं कि किसी प्रकार की कोई नाराजगी आगे होगी भी नहीं. देर रात एसएसपी और डीएम आवास पर क्यों आए के सवाल पर उन्होंने कहा कि हमने विषय को रख दिया है. दोनों हमारे सरकार के अधिकारी हैं. उन्होंने अगर मिलने की इच्छा जताई, तो हम उनको मना नहीं कर सकते हैं. ये औपचारिक मुलाकात है.


दोषी पर कार्रवाई की बात कही


क्या वे निलंबन की मांग पर टिके रहेंगे के सवाल पर उन्होंने कहा कि उनकी और हमारी बात क्या हुई ये बात मैं विधानसभा में कहूंगा और अध्यक्ष फैसला लेंगे. मैंने दोषी पर कार्रवाई की बात कही है. मैंने एसएसपी और डीएम के निलंबन की बात नहीं कही है. डीएम की गाड़ी काफिले में थी भी नहीं, उन्हें ये बाद में पता चला. पत्रकारों के ये पूछने पर कि क्या वे दबाव में आ गए हैं पर उन्होंने कहा कि जीवेश मिश्रा दबाव में नहीं आते हैं. 


चैतन्य प्रसाद के बयान को गलत बताया


वहीं, गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव चैतन्य प्रसाद के बयान को गलत बताते हुए उन्होंने कहा कि उनको जांच रिपोर्ट का इंतजार करना चाहिए. तेवर और कलेवर के बिना इंसान पशु समान है. मैंने सच कहा है, अब अध्यक्ष कार्रवाई करेंगे. दरअसल, चैतन्य प्रसाद ने कहा था कि कोई भी अधिकारी चाहे वो किसी भी पद पर क्यों न हो वो जाने या अनजाने में भी जनप्रतिनिधियों का अपमान नहीं कर सकता है.


मालूम हो कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) के मंत्री जीवेश मिश्रा (Jivesh Mishra) ने गुरुवार को पटना के डीएम और एसएसपी पर उनका अपमान करने का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा था कि पटना के डीएम-एसपी की वजह से उनकी गाड़ी को विधानसभा में आने से रोका गया है. मंत्री की मानें तो एक पुलिस वाले ने उनकी गाड़ी रोकी, जिसके बाद सामने से डीएम और एसपी की गाड़ी निकल गई. 


कार से उतर कर चिल्लाने लगे मंत्री


इस घटना के बाद वे आग बबूला हो गए थे और अपनी कार से उतर कर जोर-जोर से सबके सामने चिल्लाने लगे थे. उन्होंने वहां मौजूद मीडियाकर्मियों से कहा था कि हम सरकार हैं. एसपी और डीएम की गाड़ी के कारण मंत्री की गाड़ी रोकना कहां का कानून है? जिस अधिकारी ने गाड़ी रोकी है, जब तक उसका सस्पेंशन नहीं होगा वे सदन के अंदर नहीं जाएंगे.



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