दरभंगा: बिहार के समाज कल्याण मंत्री मदन सहनी (Madan Sahni) ने शुक्रवार को राजधानी पटना के गाय घाट स्थित महिला सुधार गृह में महिलाओं और युवतियों के साथ दुर्व्यवहार और शोषण के मामले पर अपनी प्रतिक्रिया दी. उन्होंने कहा कि पहली जांच के अनुसार घटना असत्य प्रतीत होती है. सिर्फ आरोप लगाने के कारण विभाग के लोगों को दोषी नहीं ठहराया जा सकता. बिना गलती किसी को सजा नहीं दी जा सकती.
हाई कोर्ट की फटकार पर दी सफाई
पटना हाई कोर्ट की फटकार पर सफाई देते हुए उन्होंने कहा कि विभाग की तरफ से अदालत को रिपोर्ट भेजी जाएगी. मुजफ्फरपुर शेल्टर होम कांड से पटना की घटना का तुलना करना उचित नहीं है. बता दें कि पटना के गाय घाट स्थित महिला सुधार गृह में महिलाओं और युवतियों के साथ दुर्व्यवहार और शोषण का मामला सामने आया है. बीते दिनों सुधार गृह से बाहर आई महिला ने सुधार की अधीक्षिका पर गंभीर आरोप लगाए थे. महिला थाने में पहुंची पीड़िता ने बताया था कि गाय घाट स्थित उत्तर रक्षा गृह की अधीक्षिका वंदना गुप्ता द्वारा संवासिनों को नशे की सुई देकर अवैध कारोबार करने पर मजबूर किया जाता है.
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लड़कियों को बाहर भेजती हैं अधीक्षिका
महिला ने बताया था कि इसका विरोध करने वाली संवासिनों के साथ मारपीट की जाती है और उन्हें भूखा भी रखा जाता है. संवासिन का यह भी आरोप था कि उत्तर रक्षा गृह में महिलाओं को इस कदर मजबूर कर दिया जाता है कि वे आत्महत्या करने को विवश हो जाती हैं. उसने कहा कि सुंदर लड़कियां मैडम की फेवरेट हैं. वे उन्हें खूब मानती हैं. जांच के बहाने उन्हें रिमांड से बाहर भेजा जाता है. लेकिन वैसी लड़कियां जो उनकी बात नहीं मानती वे उन्हें पहले तो परेशान करती हैं. फिर उन्हें मानसिक रूप से अस्वस्थ बता कर पागल खाने भेज दिया जाता है. महिला के इन आरोपों के बाद प्रशासनिक महकमे में हड़कंप मच गया है. कोर्ट ने भी इस मामले में संज्ञान लिया है. लेकिन मंत्री सभी आरोपों को खारिज कर रहे हैं.
(दरभंगा से तुलसी झा की रिपोर्ट)
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