सुपौल: बिहार सरकार के पर्यावरण मंत्री नीरज कुमार बबलू ने बुधवार को थानेदार को जमकर फटकार लगाई. सूबे के सुपौल जिले के वीरपुर में कुसहा त्रासदी पीड़ित किसानों द्वारा खेत में जमा बालू निकलने पर हुई पुलिस कार्रवाई से गुस्साए मंत्री ने क्षेत्र दौरा करने के दौरान लोगों के शिकायत पर थानाध्यक्ष को फटकार लगाई. गुस्साए मंत्री ने थाना अध्यक्ष को चेतावनी दी कि वो सुधार जाएं, नहीं तो वो उनके खिलाफ केस कर देंगे.


क्या है पूरा मामला ?


दरअसल, 2008 की कुशहा त्रासदी में किसानों के खेतों में आमतौर पर चार से पांच फीट बालू भर गया था, जिसके कारण खेती करना संभव नहीं हो पा रहा था. सूबे के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी घोषणा की थी कि सरकारी खर्चे पर किसानों के खेतों से बालू हटाया जाएगा और खेतों को खेती के लायक बनाकर किसानों की मदद की जाएगी. लेकिन ऐसा नहीं हुआ. ऐसे में किसान खुद ही अपने खेतों से बालू निकाल कर अन्यत्र भेजने का काम कर रहे हैं. इस वजह से उन पर पुलिसिया कार्रवाई हो रही है.


मंत्री ने थानाध्यक्ष को दी चेतावनी


इसी बात से नाराज बिहार के वन एवं पर्यावरण विभाग के मंत्री मंत्री नीरज कुमार सिंह बबलू ने वीरपुर थानाध्यक्ष की क्लास लगाई और उन पर थाने में मामला दर्ज करने तक की हिदायत दे डाली. हाल के दिनों वीरपुर थाना अध्यक्ष दिनानाथ मंडल द्वारा कार्रवाई करते हुए बालू लदे आठ ट्रैक्टर के चालक और सहयोगियों को जेल भेज दिया गया था, जिसकी शिकायत किसानों ने मंत्री नीरज कुमार बबलू से की. 


वीरपुर में मौजूद वन पर्यावरण एवं जलवायु नियंत्रण मंत्री नीरज कुमार सिंह बबलू के समक्ष मोहनपुर, बनैली पट्टी, ब्रम्हपुर, हृदयनगर, सीतापुर से आये किसानों ने वीरपुर थाना अध्यक्ष के खिलाफ शिकायत की, जिसके बाद मंत्री ने थानाध्यक्ष को तलब कर जमकर खरी-खोटी सुना दी.


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