Prem Kumar Announcement: ठंड का मौसम आ चुका है और धीरे-धीरे बिहार में ठंड बढ़ने लगी है. ठंड के मौसम में बिहार के कई जिलों में प्रवासी पक्षी का आगमन होता है. खासकर भागलपुर, किशनगंज, वैशाली जिलों में प्रवासी पक्षियों का आगमन बहुत ज्यादा होता है और दूर-दूर से लोग पक्षियों को देखने पहुंचते हैं. अब बिहार सरकार उन पक्षियों की गिनती करवाएगी.
मंत्री प्रेम कुमार ने पक्षियों पर क्या कहा?
बिहार सरकार के वन एवं पर्यावरण मंत्री प्रेम कुमार ने कहा कि जिन देशों में अधिक ठंड बढ़ती है तो उन देशों के प्रत्येक वर्ष लगभग 30 देश से प्रवासी पक्षी हमारे बिहार में आते हैं, उनका स्वागत करते हैं. हमारे वह मेहमान हैं. अब बिहार सरकार उन प्रवासी पक्षियों की गिनती करेगा कि कितने प्रकार के कितनी संख्या में प्रवासी पक्षी यहां आते हैं. उसकी गणना कराई जाएगी. बिहार के कई जिलों में हमारे इसके साइट हैं, जो काम कर रहे हैं.
दरअसल वन एवं पर्यावरण विभाग की ओर से आज पटना के अरण्य भवन में एशियन वाटरबर्ड सेंसस 2025 के कार्यशाला का आयोजन किया गया. इसका उद्घाटन मंत्री प्रेम कुमार ने किया. इस मौके पर उन्होंने कहा कि एशियन वाटरबर्ड सेंसस की शुरुआत 2022 में हुई थी और इसके तहत बिहार में पशु पक्षी जो हमारे जीवन का एक अंग हैं, उनको किस तरह सुरक्षित रखा जाए उस पर काम होता है.
उन्होंने बताया कि अभी बिहार में करीब 400 पक्षियों की प्रजातियां पाई जाती हैं. इनमें शिकार करने वाले पक्षी, जल पक्षी, जल रेखा पक्षी और वृक्षों पर रहने वाले पक्षी शामिल हैं. उन्होंने कहा कि प्रत्येक वर्ष 20 मार्गो से 30 देशों के प्रवासी पक्षी बिहार आते हैं. आज के कार्यक्रम के माध्यम से न सिर्फ पक्षियों का संरक्षण बल्कि जो व्यक्ति और संस्था पशु पक्षियों को बचाने के लिए काम कर रहे हैं, उन लोगों को जोड़ा जाता है. जो इस तरह का योगदान करते हैं और पक्षियों का संरक्षण करते हैं, उन्हें हम धन्यवाद देते हैं .
बिहार में पक्षियों के संरक्षण पर जोर
प्रेम कुमार ने कहा कि बिहार में पक्षियों को संरक्षण और उनके भविष्य संवारने का संकल्प हमारे विभाग ने लिया है. इसके लिए और अधिक प्रयास और जागरूकता की जरूरत है. इसलिए इस तरह के कार्यक्रम करके हम चाहते हैं कि आने वाले समय में अभियान को और ज्यादा तेज करने के लिए संस्था एवं उन लोगों को जोड़ा जाए, क्योंकि बिहार में 14 करोड़ आबादी है और हमारे विभाग में मात्र 2000 के करीब वनकर्मी है.
पूरे देश में 140 करोड़ की आबादी है, तो ऐसे में पक्षियों के सुरक्षा अभियान को सफल बनाने के लिए जन आंदोलन का रूप देना जरूरी है. जनता का सहयोग लेना जरूरी है. इससे पर्यटन की संभावना और ज्यादा बढ़ेगी और बिहार में रोजगार के अवसर भी मिलेंगे. पर्यटन को बढ़ाने के लिए कैबिनेट में भूमि आवंटित करने की मंजूरी मिली है.
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