पटना: पिछले कुछ दिनों से लगातार विपक्ष खासकर नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव की आलोचनाओं का सामना कर रहे बिहार सरकार में राजस्व मंत्री रामसूरत राय के सब्र का बांध मंगलवार को टूट गया और उन्होंने सदन में सबके सामने तेजस्वी यादव को ऐसी फटकार लगाई कि सदन की कार्यवाही स्थगित करनी पड़ गयी. इस दौरान मंत्री ने तेजस्वी यादव के खानदान पर सवाल उठाए. साथ ही उन्होंने तो यहां तक कह दिया, " बात नहीं सुनने की क्षमता है, तो गांधी मैदान आ जाइये, वहीं फाड़िया लेंगे. "


दरअसल, पिछले एक सप्ताह से चल रहे आरोप-प्रत्यारोप के दौर पर विराम लगाने के लिए आज मंत्री रामसूरत राय शराब तस्करी मामले में उनकी संलिप्ति पर सफाई देने के लिए सदन में खड़े हुए थे. इसी दौरान तेजस्वी खड़े हो गए और कहा कि मंत्री जी जवाब दें, लेकिन मैं जो पूछ रहा हूं उसका जवाब दें. इस पर मंत्री जी भड़क गए और सभी से सख्त लहजे में कहा, "अगर बात सुनने की आपके अंदर क्षमता है, तो बैठिए और बात सुनिए."


उन्होंने कहा कि, " आपने (तेजस्वी) जो मुझपर अन्तर्ग आरोप लगाया है, उसे मैं सदन के मध्याम से खारिज करना चाहता हूं. आपने जो मेरा चरित्रहनन किया, उसकी भरपाई करनी पड़ेगी. मेरा परिवार गरीब खानदान से आता है. नेता प्रतिपक्ष ने जिस मामले में मेरे संलिप्त होने की बात कही है, वो गलत है. मैं सबूत लेकर आया हूं."


राजस्व मंत्री ने कहा , " उनके पार्टी के नेताओं द्वारा 2010 से मुझपर अनर्गल आरोप लगाते रहा गया है. मैं दूसरी बार सदन आया हूं. लेकिन यहां बैठे आधे लोग मेरे परिवार को जानते हैं. मेरे खानदान पर दाग लगाने वाले व्यक्ति को सोचना चाहिए कि उसका खानदान कैसा है. मैं पूरे खानदान का विषय सदन में रख दूंगा."


इस बात पर विपक्ष ने हंगामा शुरू कर दिया. इसपर मंत्री जी ने आपा खो दिया और कहा, " अगर हिम्मत है, तो शांति से बैठिए और अगर नहीं है, तो गांधी मैदान में मिलिए, वहीं फाड़िया लेंगे. मैं दावे के साथ कह सकता हूँ कि पटना में कोई ऐसा नहीं है, जो मुझे हिला सकता है. मेरे भी यहां सैकड़ों रिश्तेदार हैं. लाखों यादव परिवार मेरे समर्थक हैं."


इधर, माहौल तनावपूर्ण होता देख विधानसभा अध्यक्ष ने राजस्व मंत्री को टोका और कहा कि मर्यादित तरीके से बात करें. इसपर उन्होंने कहा कि मेरे शांति से बोलने के लिए उन्हें शांति से सुनना पड़ेगा. आप कहें कि सभी चुपचाप बैठ कर मेरी बात सुने. ऐसे में सदन के अंदर माहौल तनाव पूर्ण होता देख सदन की कार्यवाही स्थगित कर दी.