मुजफ्फरपुर: बिहार सरकार में राजस्व विभाग का जिम्मा संभाल रहे बीजेपी नेता रामसूरत राय इन दिनों विवादों में हैं. विपक्ष की ओर से उनपर अवैध शराब का कारोबार करने का आरोप लगाया गया है. बुधवार को बिहार विधानसभा में शराबबंदी कानून की विफलता को लेकर विपक्ष ने हंगामा किया था. वहीं, नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने मंत्री रामसूरत राय पर शराबबंदी कानून तोड़ने का आरोप लगाकर कर, उन्हें बर्खास्त करने की मांग की थी.


हम श्री कृष्ण के हैं ऑरिजनल वंसज


अब नेता प्रतिपक्ष की ओर से लगाए गए सभी आरोपों पर मंत्री रामसूरत राय ने पलटवार किया है. उन्होंने शुक्रवार को एबीपी न्यूज से बात करते हुए कहा कि हम दूध बेचने वाले हैं, दारू बेचने वाले नहीं. हम लोग श्री कृष्ण के ऑरिजनल वंसज हैं. हमलोगों के संस्कार में दूध बेचना है. वो लोग कोई और होते होंगे  जो दारू पीने और पिलाने का काम करते हैं.


उन्होंने कहा कि तेजस्वी यादव मुझे नहीं जानते हैं. ऐसे में वो जेल में जाकर अपने पिताजी लालू प्रसाद यादव से पूछ लें कि रामसूरत राय कौन हैं. राजस्व मंत्री ने कहा कि तेजस्वी आरोप लगाने से पहले अपने स्थानीय नेताओं से पूछ लेते, तो उन्हें सारी बातें स्पष्ट हो जातीं. मगर उनमें जांच पूरी होने तक रुकने का धीरज भी नहीं रहा.


क्या है पूरा मामला ?


दरअसल, पूरा मामला मुजफ्फरपुर जिले के अहियापुर थाना क्षेत्र स्थित एक स्कूल की है, जहां से पिछले साल पुलिस शराब की बड़ी खेप बरमाद की थी. बता दें कि जिस जमीन पर स्कूल का निर्माण कराया गया है, वो मंत्री रामसूरत राय के भाई की जमीन है, जिसे 2007 में ही लीज पर दिया गया था. वहीं, स्कूल का नामकरण मंत्री जी के पिता अर्जुन राय के नाम पर किया गया है.


बीजेपी नेता की मानें तो स्कूल से उनके परिवार का कोई लेना देना सालों से नहीं है. हालांकि, नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने बुधवार को विधान सभा में ये मुद्दा उठाया, जिसके बाद मामले में मंत्री रामसूरत राय ने जवाब दिया है.


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