बिहार के मंत्री ने सुनी स्वाति पराशर की गुहार, इंसाफ का मिला भरोसा; पढ़िए क्या है पूरा मामला
स्वाति पराशर की परवरिश रांची में हुई है. उनका जन्म मधुबनी में हुआ है. इन दिनों स्वाति स्वीडन के गोथेनबर्ग यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर हैं. स्कूल ऑफ ग्लोबल स्टडीज में शांति और विकास विषय पढ़ाती हैं. इसके पहले वो ऑस्ट्रेलिया के यूनिवर्सिटी में पढ़ाती थीं.
पटनाः मधुबनी में अपनी पुश्तैनी जमीन के मामले में स्वीडन में रहने वाली स्वाति पराशर ने बिहार के सीएम नीतीश कुमार को ट्वीट कर मदद की गुहार लगाई थी. इस ट्वीट के बाद मंत्री संजय कुमार झा ने स्वाती के ट्वीट का जवाब देते हुए लिखा कि 'स्वाति जी, आपके मामला पर हमने संज्ञान लिया है. इसको लेकर मधुबनी के डीएम अमित कुमार से बातचीत की है. साथ इस मामले पर डीएम से ध्यान देने के लिए कहा गया है.
Swati Ji, your matter has been brought to my notice. I have spoken to Madhubani DM Sri Amit Kumar and asked him to look into it.@officecmbihar @bihar_police @IPRD_Bihar https://t.co/UFsazNGTkj
— Sanjay Kumar Jha (@SanjayJhaBihar) April 15, 2021
स्वाति का कहना है कि मधुबनी में उनकी पुश्तैनी जमीन है जिसपर लाल झंडे लिए कुछ लोगों ने जबरदस्ती अतिक्रमण कर रखा है. कार्रवाई करने पहुंची पुलिस पर भी अतिक्रमण करने वालों ने हमला बोला है. दरअसल, यह पूरा मामला मधुबनी के पंडौल से जुड़ा है. स्वाति पराशर के पिता अरविंद झा झारखंड सरकार में डिप्टी सेक्रेटरी के पद से रिटायर हुए हैं. वे इन दिनों अपने गांव आए हैं. उनके बेटे मल्टीनेशनल कंपनी में नौकरी करते थे जो अब गांव लौट चुके हैं.
गांव में दस एकड़ जमीन जहां करना चाह रहे कारोबार
वे सभी पुश्तैनी जमीन पर ऑर्गेनिक फार्मिंग और मखाने का कारोबार शुरू करना चाह रहे. उनकी मंशा है कि यहां लोगों को रोजगार मिले और वो भी अपने परिवार के साथ गांव में ही रह पाएं. अरविंद झा की गांव में करीब 10 एकड़ जमीन है. उस जमीन पर कुछ दबंगों ने कब्जा कर रखा है. जब भी वो जमीन पर कुछ करने जाते हैं तो उन्हें दबंगों का सामना करना पड़ता है. इन्ही सारी समस्याओं के बाद स्वाति ने ट्विटर का सहारा लिया.
स्वीडन में शांति और विकास विषय पढ़ाती हैं स्वाति
गौरतलब हो कि स्वाति पराशर की परवरिश रांची में हुई है. उनका जन्म मधुबनी में हुआ है. इन दिनों स्वाति स्वीडन के गोथेनबर्ग यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर हैं. स्कूल ऑफ ग्लोबल स्टडीज में शांति और विकास विषय पढ़ाती हैं. इसके पहले वो ऑस्ट्रेलिया के यूनिवर्सिटी में पढ़ाती थीं. बनारस हिंदू विश्वविद्यालय की विजिटिंग फैकल्टी भी हैं. इससे पहले सेंटर फॉर द स्टडी ऑफ डेवलपिंग सोसाइटीज दिल्ली की विजिटिंग फेलो रह चुकी हैं.
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