Women Reservation Bill पर माले ने उठाया सवाल, दीपांकर भट्टाचार्य ने मोदी सरकार से पूछा- देश के अंदर असल मुद्दा है क्या?
Women Reservation Bill News: नारी शक्ति वंदन अधिनियम के मुद्दे पर माले नेता ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की. वहीं, इस मुद्दे पर बुधवार को दीपांकर भट्टाचार्य ने बयान दिया.
पटना: महिला आरक्षण बिल (Women Reservation Bill) पर माले ने सवाल उठाया है. भाकपा माले के राष्ट्रीय महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य (Dipankar Bhattacharya) ने बुधवार को कहा कि देश को एक विकसित राष्ट्र बनाना है. बाकी तो रोना-धोना चलता रहेगा. क्या महिलाओं की बात कर गरीबों की बातें को धोना है. देश के अंदर असल मुद्दा क्या है? बिल के नाम 'नारी शक्ति वंदन अधिनियम' को लेकर भी माले ने कटाक्ष किया. देश में आधी आबादी महिलाओं की है, लेकिन संसद में महिलाओं की संख्या काफी कम है. संसदीय लोकतंत्र में महिलाओं की उपस्थिति बहुत कम है. परिसीमन और जनगणना के नाम पर महिला आरक्षण विधेयक को लटकाने का काम किया जा रहा है.
दीपांकर भट्टाचार्य ने मोदी सरकार को घेरा
दीपांकर भट्टाचार्य ने कहा कि एक तरफ यह सरकार महिला आरक्षण की बात करती है, लेकिन वही जब महिला विधेयक बिल की बात आई तो उसमें पिछड़ा-अतिपिछड़ा वर्ग की महिलाओं को कहीं जगह नहीं दिया गया है. वहीं, माले के प्रवक्ता वीणा तिवारी का कहना है कि यह एक धोखा है. बिल में कुछ नहीं है. बिल पेश होने के साथ-साथ परिसीमन और जनगणना की बात कही जा रही है. महिला को यह लाभ कब मिलेगा? यह बात अभी तक साफ नहीं है. जबकि महिलाएं इसके लिए लगातार आंदोलन कर रही हैं.
पूरे देश में महिलाएं बीजेपी सरकार के खिलाफ हैं- माले
वहीं, माले प्रवक्ता ने कहा कि महिलाएं उत्पीड़न हो रही हैं. पूरे देश में महिलाएं बीजेपी सरकार के खिलाफ है. सरकार महिलाओं को लाभ देने के लिए बिल नहीं लाई है. महिला आरक्षण बिल लागू करने में बीजेपी को क्या प्रॉब्लम है? यह झुनझुना दिखा रहे हैं. महिलाएं राजनीति से लेकर हर जगह में भागीदारी में गंभीरता से बहस हो. पीएम मोदी की यह जो कोशिश है यह महिलाओं के विरोध में है. पहले पिछड़े वर्ग की महिलाओं के लिए भी जगह हो.
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