भागलपुर: तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय (Bhagalpur University)  के कुलपति डॉ. प्रोफेसर जवाहरलाल से मिलने को लेकर नया निर्देश इन दिनों चर्चा का विषय बन गया है. नया फरमान के अनुसार मोबाइल और इलेक्ट्रॉनिक उपकरण लेकर कोई कुलपति से मिलने नहीं जा सकता है. इस नोटिस को विश्वविद्यालय में जगह-जगह पर चिपकाया गया है. इसको लेकर पार्षद संजय सिन्हा ने कहा कि यूनिवर्सिटी में जल जीवन हरियाली के सिलसिले में गया था. मोबाइल जबरन बाहर रख लिया गया. कुलपति का यह व्यवहार अच्छा नहीं लगा. वहीं, इस पर कुलपति डॉ. प्रोफेसर जवाहरलाल ने कहा कुछ दिन पहले कार्यालय में किसी ने मेरी कई पर्सनल बातों को रिकॉर्ड कर लिया था. यह कहीं से सही नहीं है. इसको लेकर यह आदेश जारी किया गया है.


विश्वविद्यालय में कोई बड़ा घोटाला होने वाला है- पार्षद संजय सिन्हा


भागलपुर के पार्षद डॉ. वसुंधरा लाल और भागलपुर वार्ड के कई पार्षद 11 मई को कुलपति से मिलने पहुंचे थे. वार्ड पार्षदों के साथ-साथ भागलपुर के मेयर से भी मोबाइल जबरन बाहर रखा लिया गया. पार्षद संजय सिन्हा ने कहा कि इस डिक्टेटरशिप का हम लोग घोर निंदा करते हैं. हम लोगों को लग रहा है कि विश्वविद्यालय में कोई बड़ा घोटाला होने वाला है. वहीं, पार्षद संजय सिन्हा ने यह भी बताया कि कुलपति ने हम लोगों को विश्वविद्यालय के पैसे को लेकर साफ तौर पर कहा कि यह पैसा गवर्नर का है. इस पैसे पर अगर किसी की नजर है तो उस पर एफआईआर दर्ज की जाएगी.


'अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद विरोध करेगा'


इस फरमान पर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के बांका-भागलपुर के विभाग सह संयोजक के कुणाल पांडेय ने कहा कि एक तरफ छात्र परेशान है तो दूसरी तरफ विश्वविद्यालय के कुलपति अपने चेंबर में बैठकर धन की उगाही करने का काम कर रहे हैं. कुलपति तालिबानी फरमान लेते हैं. यह कहीं से सही नहीं है. पहले कुलपति से मिलने के लिए घंटों इंतजार करना पड़ता था अब उनसे मिलने के लिए मोबाइल भी ले जाना अलाउड नहीं है. इस फरमान को जल्द वापस लें, अन्यथा कुलपति के विरोध में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद द्वारा प्रदर्शन किया जाएगा.


यह सुरक्षा के मद्देनजर किया गया है- कुलपति


वहीं, तिलका मांझी भागलपुर विश्वविद्यालय के कुलपति डॉक्टर प्रोफेसर जवाहरलाल ने कहा कि इसमें अगर किसी को कोई परेशानी है तो मैं कुछ नहीं कर सकता. साथ ही उन्होंने कहा कि कोई भी बड़े जगह में अगर आप जाते हैं तो मोबाइल अलाउड नहीं होता है. यह सुरक्षा के मद्देनजर किया गया है. साथ ही उन्होंने कहा कि यहां के लोगों की आदत खराब है. अच्छी बातों को कम और गलत बातों को ज्यादा तवज्जो देकर उसे उजागर करते हैं.


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