Mobile Number Portability : 5 सितंबर 2016 से पहले हम अगर आप पटना से दिल्ली में स्थाई रुप से सेटल होना जाते थे तब मोबाइल और रोमिंग संबंधित समस्या का सामना करना पड़ता था. हालांकि अब इस समस्या से लोगों को निजात मिल गया है. आइए आपको साल 2016 से पहले की समस्या पर ले चलते हैं.



कब से किसे मिला रोमिंग फ्री सेवा लाभ
5 सितंबर 2016 से पहले अगर हम पटना से दिल्ली में सेटल होना चाहते थे तो हमें रोमिंग की समस्या का सामना करना होता था. हर कंपनी रोमिंग का चार्ज उपभोक्ता से लिया करती थी. लेकिन 5 सितंबर 2016 को जिओ की आने के बाद से ही लोगों को इससे छुटकारा मिला. इसके बाद एयरटेल ने अपने उपभोक्ताओं को रोमिंग फ्री सेवा देना शुरु किया. जिसके बाद संचार क्षेत्र की सभी बड़ी कंपनियां एयरटेल, बीएसएनएल, वोडाफोन और आइडिया ने अपने ग्राहकों को रोमिंग फ्री सुविधा देना शुरु किया. 

क्या है मोबाइल नंबर पोर्टेबिलिटी के नियम
इसके साथ ही कंपनियों ने अपने ग्राहकों को मोबाइल नंबर पोर्टेबिलिटी की एक और सुविधा दी. अब ग्राहक पटना से दिल्ली में सेटल होने पर भी अपने पुराने नंबर का ही उपयोग कर सकते हैं. अगर व्यक्ति पटना से दिल्ली में सेटल हो जाता है तो उसे नेटवर्क की स्थिति को देखते हुए, दिल्ली में नेटवर्क खराब होने पर ही मोबाइल नंबर पोर्टेबिलिटी की जरुरत होगी. ऐसे में अब उपभोक्ता अपने पुराने नंबर को ही आगे भी किसी दुसरे कंपनी में पोर्टेबिलिटी सुविधा का उपयोग कर लाभ ले सकते हैं.

जम्मू-कश्मीर में क्यों हो सकती है परेशानी?
लेकिन जम्मू-कश्मीर अब भी देश का एक मात्र ऐसा राज्य है जहां ये नियम थोड़े अलग हैं. अगर आप जम्मू-कश्मीर में जाते हैं और आपके पास प्रीपेड मोबाइल नंबर है तो आपको समस्या का सामना करना पड़ेगा. जम्मू-कश्मीर अब भी देश का ऐसा राज्य है जहां आपको पोस्टपेड मोबाइल नंबर ही की जरुरत होगी.


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