मुजफ्फरपुर: शहर के सीजेएम कोर्ट में मंगलवार को संघ प्रमुख मोहन भागवत (Mohan Bhagwat) के खिलाफ अधिवक्ता सुधीर कुमार ओझा के द्वारा परिवाद दायर हुआ है. संघ प्रमुख के द्वारा की गई टिप्पणी को लेकर शिकायत हुई है. इस मामले में सुनवाई की अगली तारीख कोर्ट द्वारा 20 फरवरी को निर्धारित की गई है. मोहन भागवत ने कुछ दिन पहले कहा था कि जाति भगवान ने नहीं बनाई है. ये ब्राह्मणों की देन है. इसे लेकर राजनीतिक गलियारों से भी कई तरह की प्रतिक्रिया आ रही है.


सीजेएम कोर्ट में दायर परिवाद


सीजेएम कोर्ट में दायर परिवाद में परिवादी अधिवक्ता सुधीर कुमार ओझा ने संघ प्रमुख मोहन भागवत के खिलाफ एक परिवाद दायर करवाया है. इसमें उन्होंने आरोप लगाया है कि संघ प्रमुख के द्वारा ब्राह्मणों के खिलाफ जो बातें कही गई है ये उनके भावना को आहत करने वाली है. परिवादी अधिवक्ता ने बताया कि जानबूझकर संघ प्रमुख के द्वारा ब्राह्मणों के खिलाफ इस तरह की बयानबाजी की गई है. इससे समाज में जातीय बिखराव आएगा. इसके साथ ही ब्राह्मणों की क्षवि को धूमिल करने की कोशिश की गई है.


ब्राह्मणों को लेकर दिए गए बयान पर विवाद


उनके द्वारा पांच फरवरी को मुंबई में रविदास जयंती के अवसर पर जानबूझकर ऐसा बयान दिया गया जिसमें उन्होंने कहा कि जिस जाति का वर्गीकरण किया गया है वो ब्राह्मणों के द्वारा किया गया है, न की भगवान के द्वारा किया गया है. इससे ही समाज में वर्गीकरण होगा. इसको लेकर अधिवक्ता सुधीर कुमार ओझा के द्वारा सीजेएम कोर्ट में परिवाद दर्ज करवाई है. अब इस मामले को लेकर सुनवाई की अगली तारीख 20 फरवरी को रखी गई है. बता दें कि मोहन भागवत के इस बयान को लेकर बिहार में राजनीति जंग छिड़ी है. नेता लोग इस पर भी तरह तरह की प्रतिक्रिया दे रहे हैं.


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