पटना: बिहार विधानसभा में बजट सत्र की कार्यवाही के दौरान सोमवार को पर्यावरण मंत्री नीरज कुमार ने कहा कि बिहार में बंदरों के आतंक से कई जिलों के लोग परेशान हैं, जिसका समाधान करना बहुत जरूरी है. लोगों को बंदर नुकसान पहुंचाते हैं. काफी समय से इसका समाधान नहीं हुआ है. लेकिन अब इन समस्याओं का हल निकल गया है.


 दस एकड़ जमीन की कराई जाएगी घेराबंदी 


उन्होंने कहा कि बिहार में बंदरों और घोड़परासों की समस्याओं का समाधान करने का डिपार्टमेंट के साथ प्लान तैयार किया गया है. इसके तहत दस एकड़ जमीन की घेराबंदी कराई जाएगी. उस बगीचे का नाम बंदर बगीचा (मंकी हाउस) रखेंगे, जो पूरे देश के लिए एक अलग चीज होगी.


नीरज कुमार बबलू ने कहा कि राज्य में घोड़परासों की समस्या बहुत बड़ी समस्या है. हम जानते हैं कि सरकार भी  इसका स्थायी निदान करना चाहती है. इसलिए विभाग घोड़परासों की नसबंदी करने पर विचार कर रहा है. घोड़परासों की नसबंदी से उनका प्रजनन बंद हो जाएगा, फिर उसे पकड़कर जंगल में छोड़ा जायेगा. इस तरह से किसानों को परेशानी से निजात मिलेगी.


महिलाओं को सम्मान देने की करेंगे कोशिश 


मंत्री नीरज कुमार बबलू ने कहा कि आज अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के मौके पर संजय जैविक उद्यान या फिर पटना के अंदर जितने भी पार्क हैं, जिसमें टिकट लगता है, वहां महिलाओं के लिए एंट्री फ्री की गई है. इस बाबत सभी जहग बोर्ड भी लगाया गया है. हम आगे भी कोशिश करेंगे कि इस तरह के अवसरों पर महिलाओं को सम्मान मिले.


वहीं, पर्यावरण को लेकर नीरज कुमार बबलू ने कहा कि पीएम मोदी, सीएम नीतीश और डिप्टी सीएम इस मुद्दे पर चिंतित रहते हैं. प्रदूषण कम करने के लिए कई काम हो रहे हैं. मंत्री ने सदन में बताया कि पर्यावरण को देखते हुए पिछले वर्ष 2 करोड़ 97 लाख पौधे लगाए गए हैं. अगले वित्तीय वर्ष में 5 करोड़ पैधारोपण का लक्ष्य रखा गया है. 2009 से अब तक 30 करोड़ पौधे बिहार में लगाये गए हैं, जिससे निश्चित रूप से पर्यावरण शुद्ध रहेगा.


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