बिहार विधानसभा चुनाव में चुने गए विधायकों में कम से कम 68 फीसदी ऐसे नेता हैं जिनके खिलाफ आपराधिक मुकदमें चल रहे हैं और इनमें से आधे से ज्यादा के खिलाफ तो हत्या, हत्या के प्रयास और अपहरण जैसे संगीन केस है. जी हां, चुने गए इन विधायकों के आंकड़े जरूर डराने वाले हैं. यानी, पिछली बार की तुलना में इस बार आपराधिक छवि वाले चुने गए नेताओं की संख्या में 10 फीसदी की इजाफा हुआ है. इसके साथ ही, अमीर विधायकों की संख्या जहां 2015 में 123 थी तो वहीं इस बार ये आंकड़े बढ़कर 194 हो गए हैं.


243 विधायकों की तरफ से स्व-घोषित हलफनामों के आधार पर एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) ने बुधवार को इन आंकड़ों को जारी किया. जबकि, एक बीजेपी और एक आरजेडी के विधायकों की तरफ से दायर हलफनामे स्पष्ट न होने की वजह से उनका आंकड़ा नहीं मिला पाया.


123 चुने गए विधायकों पर संगीन मामले


आंकड़ों से जाहिर होता है कि जीते गए 241 विधायकों में से 163 के खिलाफ आपराधिक मामले चल रहे हैं. पिछले विधानसभा चुनावों के दौरान 142 दागी विधायक थे. इस बार 123 जीते हुए उम्मीदवार यानी 51 फीसदी ने अपने खिलाफ हत्या, हत्या के प्रयास, अपहरण और महिला के खिलाफ अपराध होने की बात कबूली है. साल 2015 चुनाव में ऐसे 40 फीसदी विधायक थे जिनसे खिलाफ इस तरह के संगीन मामले चल रहे थे. चुने गए 19 ऐसे विधायक हैं जिनके खिलाफ हत्या, 31 विधायकों के खिलाफ हत्या के प्रयास और 8 के विरुद्ध महिलाओं के खिलाफ अपराध को लेकर केस दर्ज है.


सबसे ज्यादा आरजेडी में चुने गए दागी विधायक


जब पार्टी के आधार पर इन दागी विधायकों की बात करें तो आरजेडी के 74 में से 44 विधायकों (73 फीसदी) ने अपने खिलाफ आपराधिक मामले बताए हैं, जो किसी अन्य दलों की तुलना में सबसे ज्यादा है. बीजेपी के चुने गए 73 विधायकों में 47 (64 फीसदी) ने अपने खिलाफ आपराधिक मामले होने की बात बताई है. इसी तरह, जेडीयू के चुने गए 43 विधायकों में से 20 के खिलाफ आपराधिक केस चल रहे हैं. कांग्रेस के चुने गए 19 विधायकों मे से 10 के खिलाफ मामले चल रहे हैं. सीपीआई-एमएल के चुने ए 12 विधायकों मे से 8 के खिलाफ मामले चल रहे हैं, जबकि एआईएमआईएम के विजेता पाचों उम्मीदवारों ने अपने खिलाफ आपराधिक मामले चलने की बात बताई है.


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