पटना: नए साल में बिहार की राजनीति में बड़े बदलाव की संभावना है. ऐसा इसलिए क्योंकि बुधवार को बिहार कांग्रेस के नेता और पूर्व विधायक भरत सिंह ने ये दावा की किया है कि बहुत जल्द कांग्रेस के 19 विधायकों में से 11 विधायक पार्टी छोड़ सकते हैं. उन्होंने कहा कि पार्टी में बहुत जल्द बड़ी टूट होगी और 11 विधायक पार्टी छोड़ देंगे. हालांकि, जब इस संबंध में कांग्रेस आलाकमान से पूछा गया तो उन्होंने इस बात को नकारते हुए पूर्व विधायक के दावे को खारिज कर दिया.
बाहरी लोगों को दिया गया टिकट
भरत सिंह ने कहा कि विधानसभा चुनाव में इस बार बाहरी लोगों को टिकट दिया गया. वो पार्टी के नेता नहीं थे. इनमें से 11 उम्मीदवार जीत गए हैं. उन्हें पार्टी से कोई मतलब नहीं है. यह सभी बीजेपी जेडीयू से प्रभावित हैं, जो इन दिनों अपना संख्या बल बढ़ाने में जुटे हुए हैं. यह जल्द ही पार्टी छोड़ने वाले हैं.
अशोक चौधरी की राह पर चल रहे मदन मोहन झा
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष मदन मोहन झा पर आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा कि उनके छुट्टी की तारीख नजदीक है. उन्हें अब अपना भविष्य नहीं दिख रहा, इसलिए वो अशोक चौधरी के रास्ते पर हैं. अशोक चौधरी जिस तरह अध्यक्ष पद से हटने के बाद पार्टी के कुछ एमएलसी के साथ जेडीयू में शामिल हो गए ठीक उसी राह पर ये भी चल रहे हैं.
एमएलसी बनने की फिराक में हैं
भरत सिंह ने कहा कि विधायक जो बगावत करने के फिराक में हैं उनके मार्गदर्शक मदन मोहन झा, अखिलेश सिंह और सदानंद सिंह हैं. राज्यपाल कोटे से अभी एमएलसी नॉमिनेशन होना है. यह सभी एमएलसी बनने की फिराक में हैं.
भरत सिंह ने पार्टी आलाकमान से अपील की है कि वे बिहार में पार्टी को बर्बाद कर रहे नेताओं को बर्खास्त करें. ताकि पार्टी बच सके. वहीं, उन्होंने कहा कि वे शुरू से आरजेडी के साथ गठबंधन के खिलाफ हैं. उन्होंने 1999 में यह लिखित में दिया था कि आरजेडी के साथ गठबंधन करना पार्टी के लिए आत्मघाती साबित होगा.
उन्होंने कहा कि आरजेडी लोकतांत्रिक पार्टी नहीं है. समाज में फूट डालना और राज करना इस पार्टी का मूल मंत्र है. कांग्रेस का आचरण अलग है. लेकिन नए लोगों के आने के बाद पार्टी बर्बाद हो गई.
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