पटना: मोतिहारी वायरल ऑडियो मामले में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने सूबे के मुखिया नीतीश कुमार पर निशाना साधा है. मोतिहारी के कुंडवा चैनपुर थाना के अध्यक्ष द्वारा जिस प्रकार नाबालिग रेप पीड़िता के शव को ठिकाने लगाने की आरोपी तरकीब बताने का ऑडियो वायरल हुआ है, उस मामले में तेजस्वी ने सीएम नीतीश पर हमला बोला है और उन्हें नाकामयाबियों के सिकंदर बताया है.
तेजस्वी ने ट्वीट कर कही ये बात
तेजस्वी ने शनिवार को अपने एक आधिकारिक ट्वीट में कहा, " बिहार में हाथरस कांड की तरह एक 12 वर्षीय बच्ची की निर्मम हत्या कर उसकी लाश रातों-रात जला दी गई. पिता का कहना है बच्ची के साथ गैंगरेप हुआ. ऑडियो में सुनिए पुलिस अधिकारी कैसे अपराधियों को लाश जलाने की तरकीबें सुझा रहे हैं. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जी नाकामयाबियों के सिकंदर बन गए हैं.
क्या है पूरा मामला?
दरसअल, मोतिहारी के कुंडवा चैनपुर थाना के अध्यक्ष का बीते दिनों एक ऑडियो वायरल हुआ है, जिसमें वो रेप पीड़िता की मौत के बाद रेप के आरोपी को बच्ची की लाश ठिकाने लगाने का तरकीब सुझाते सुनाई पड़ रहे हैं.
थानाध्यक्ष और आरोपी के बीच की बातचीत का ऑडियो डराने वाला है. साथ ही बिहार पुलिस की विश्वसनीयता पर सवाल खड़े करने वाला भी. फिलहाल ऑडियो वायरल मामले में आरोपी थानाध्यक्ष संजीव रंजन को एसपी ने निलंबित कर दिया है. वहीं, पूरे मामले में एसआईटी का गठन कर गहन जांच का आदेश दिया है.
गांव के ही चार युवकों ने किया रेप
बता दें कि पूरी घटना पूर्वी चम्पारण जिला के कुंडवा चैनपुर थाना क्षेत्र की है. दरअसल, भारत के पड़ोसी देश नेपाल का रहने वाला एक परिवार उक्त थाना क्षेत्र में रहकर किसी तरह जीवन यापन करता था. परिवार में पिता, पुत्र, पत्नी और एक नाबालिग बेटी थी. बीते दिनों पारिवारिक काम को लेकर पत्नी नेपाल चली गयी थी. ऐसे में पिता और भाई के काम पर जाने के बाद नाबालिग लड़की घर में अकेले रहती थी.
इसी बात का फायदा उठाकर गांव के ही चार युवकों ने उसके साथ गैंग रेप किया और फिर उसकी हत्या कर दी. इधर, जब पीड़ित परिवार थाने में आवेदन देने पहुंचा तो आरोपी थानाध्यक्ष ने पुलिसिया चक्कर लगने का हवाला देते ठंड से मौत हो जाने की बात कह देने की बात कही और रातों रात शव का अंतिम संस्कार करने की तरकीब सुझाई. वहीं, अंतिम संस्कार करवा भी दिया.
न्याय की गुहार लगा रहा पीड़ित परिवार
इधर, शव के अंतिम संस्कार के बाद दबंगों ने पूरे परिवार को नेपाल भेज दिया. लेकिन वे नेपाल नहीं गए,बल्कि न्याय के लिये भटकते रहे. इसी क्रम में घटना के दस दिन बाद पीड़ित परिवार ने परिजनों के सहयोग से थाना में आवेदन दिया, जिसके बाद प्राथमिकी दर्ज की गई. फिलहाल इस पूरे मामले में पुलिस कार्रवाई कर रही है. वहीं, वायरल ऑडियो की भी जांच की जा रही है. घटना 21 जनवरी की बताई जा रही है.
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