Motihari News: इलाज के दौरान कैदी की मौत के बाद अस्पताल गेट पर ही धरना पर बैठे पूर्व विधायक, लगाया लापरवाही का आरोप
12 मई को झखिया के रहने वाले सोहन राम को नशे की हालत में एक झोला शराब के साथ पुलिस ने पकड़ा था, जिसे न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया, लेकिन जेल गेट पर ही उसकी तबियत खराब हो गई.
मोतिहारी: जिले के सदर अस्पताल में भर्ती कैदी की मौत के बाद आरजेडी के पूर्व विधायक राजेंद्र राम अस्पताल गेट पर ही धरना पर बैठ गए. मृत कैदी बंजरिया थाना क्षेत्र के झखिया का रहने वाला सोहन राम था. उसे नशे की हालत में पुलिस ने गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में जेल भेजा था. लेकिन, जेल में सोहन की तबियत खराब होने पर जेल प्रशासन ने इलाज के लिए उसे सदर अस्पताल भेज दिया था, जहां उसकी मौत हो गई.
जानकारी के अनुसार, विगत 12 मई को झखिया के रहने वाले सोहन राम को नशे की हालत में एक झोला शराब के साथ पुलिस ने गिरफ्तार किया था. गिरफ्तार करने के बाद पुलिस ने सोहन को न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया, लेकिन जेल गेट पर ही उसकी तबियत खराब हो गई और उसका हाथ-पांव कांपने लगा. उसकी बिगड़ती स्थिति देख जेल प्रशासन ने उसे सदर अस्पताल इलाज के लिए भेज दिया. जहां इलाज के दौरान रविवार को उसकी मौत हो गई.
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वरीय अधिकारियों से फोन पर वार्ता के बाद धरना हुआ समाप्त
इधर, सोहन की मौत की जानकारी मिलने पर पूर्व आरजेडी विधायक राजेंद्र राम अपने समर्थकों के साथ सदर अस्पताल पहुंचे और मृत सोहन के परिजन के साथ शव को लेकर सदर अस्पताल गेट पर ही धरना पर बैठ गए. पूर्व विधायक मृतक की मौत की जांच की मांग कर रहे हैं. इसकी जानकारी मिलने पर सदर प्रखंड के बीडीओ अरविंद गुप्ता, नगर इंस्पेक्टर विजय प्रसाद और हॉस्पिटल मैनेजर विजय झा मौके पर पहुंचे. काफी मानने और वरीय अधिकारियों से फोन पर वार्ता के बाद धरना समाप्त हुआ. उसके बाद मृतक को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया.
पुलिस पर लगाया पिटाई का आरोप
धरना पर बैठे पूर्व राजद विधायक राजेंद्र राम ने सोहन राम की मौत के लिए पुलिस और अस्पताल प्रबंधक को जिम्मेवार बताया है. उन्होंने कहा कि पुलिस की पिटाई से उसकी तबियत बिगड़ी थी. फिर सदर अस्पताल के चिकित्सकों की इलाज में लापरवाही के कारण सोहन की मौत हो गई. क्योंकि अगर सोहन की स्थिति खराब थी तो उसे हायर सेंटर रेफर करना चाहिए था. इससे उसकी जान बच जाती. उन्होंने कहा कि मृत सोहन के परिवार को न्याय दिलाने के लिए वह धरना पर बैठे हैं.
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