मोतिहारीः आरटीआई कार्यकर्ता विपिन अग्रवाल की हत्या मामले में पुलिस ने मुख्य शूटर सचिन सिंह को गिरफ्तार कर लिया है. मुख्य शूटर को अरेराज डीएसपी अभिनव धीमान के नेतृत्व में बनी एसआईटी की टीम ने गिरफ्तार किया है. सचिन को गिरफ्तार करने के बाद उसे गुरुवार को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया. वहीं सचिन ने पुलिस के सामने आरटीआई कार्यकर्ता हत्याकांड से जुड़े कई अहम सुराग दिए हैं. उसके आधार पर पुलिस आगे की कार्रवाई कर रही है.
इसके पूर्व पुलिस ने हत्याकांड में शामिल दो शूटर सहित छह लोगों को हत्या की सुपारी में सहयोग करने के मामले में गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में भेज दिया है. शातिर अपराधी सचिन सिंह की गिरफ्तारी मोतिहारी पुलिस के लिए बड़ी सफलता मानी जा रही है. गिरफ्तार सचिन पर जिला के विभिन्न थानों में कई संगीन मामले दर्ज हैं.
एसपी कुमार आशीष ने बताया कि गुप्त सूचना मिली थी कि हरसिद्धि थाना के आरटीआई कार्यकर्ता विपिन अग्रवाल की हत्याकांड का मुख्य शूटर सुगौली थाना क्षेत्र के पशुरामपुर के प्राथमिक विद्यालय के पास देखा गया है. सूचना पर त्वरित कार्रवाई करते हुए अरेराज डीएसपी अभिनव धीमान के नेतृत्व में टीम बनाई गई. टीम ने छापेमारी कर एक पिस्टल और पांच जिंदा गोली सहित शातिर अपराधी सचिन सिंह को गिरफ्तार कर लिया.
यह भी पढ़ें- Bihar Coronavirus Update: बिहार में क्या है कोरोना का ताजा हाल? हर दिन कितने टेस्ट हो रहे? यहां जानें एक-एक बातें
एसपी ने कहा कि कार्यकर्ता विपिन अग्रवाल की हत्या हरसिद्धि बाजार की करोड़ों की सरकारी जमीन से अतिक्रम हटवाने को लेकर की गई है. हत्या में पूर्व से नाम आए सभी अपराधी व साजिश रचने वालों की बात उसने स्वीकार की है. घटना में कई अहम सुराग मिलने की उम्मीद है. अबतक सात अपराधियों को इस कांड में गिरफ्तार किया जा चुका है. स्पीडी ट्रायल कर सजा दिलाई जाएगी.
कब हुई थी हत्या?
हरसिद्धि प्रखंड के गेट पर 24 सितंबर को बाइक सवार अपराधियों ने दिनदहाड़े आरटीआई कार्यकर्ता को गोलियों से छलनी कर दिया था. अस्पताल ले जाने के दौरान मौत हो गई थी. घटना के एक सप्ताह बाद छौड़ादानो थाना अध्यक्ष मनोज कुमार सिंह के नेतृत्व में एसआईटी टीम ने दो सुपारी किलर को हथियार के साथ गिरफ्तार किया था. गिरफ्तार अपराधियों ने पुलिस के सामने दिए बयान में बताया था कि हरसिद्धि बाजार की करोड़ों की सरकारी जमीन से अतिक्रमण हटाने के केस दर्ज करने को लेकर आरटीआई कार्यकर्ता की हत्या की गई थी. 20 लाख रुपये में सुपारी दी गई थी.
यह भी पढ़ें- Bihar Night Curfew: नाइट कर्फ्यू के पहले दिन पटना में क्या हुआ? बेवजह निकलने वाले ‘फंसे’, कट गए चालान, दुकानें सील