पटना: पूर्व केंद्रीय मंत्री और बेगूसराय सांसद गिरिराज सिंह इन दिनों संसदीय क्षेत्र के दौरे पर हैं. बेगूसराय में बलान नदी का बांध टूटने की वजह से आए बाढ़ को लेकर गिरिराज सिंह इन दिनों क्षेत्र के बाढ़ प्रभावित इलाकों का दौरा कर रहे हैं साथ बाढ़ पीड़ितों से मिलकर उनका हाल जान रहे हैं. इस क्रम में रविवार को उन्होंने पटना ने मीडिया से कई मुद्दों को लेकर बातचीत की. गिरिराज सिंह ने कहा, " बेगूसराय से बिहार का सौभाग्य और दुर्भाग्य दोनों जुड़ा हुआ है, आधी आबादी सुखाड़ और आधी आबादी बाढ़ से पीड़ित रहती है. मैं इस जिले से प्रतिनिधि हूं जिसके एक तरफ गंगा है तो दूसरे तरफ गंडक नदी है और तीसरे तरफ बलान है. ये सभी ओर से नदियों से घिरा हुआ है, लेकिन मैं वहां की तारीफ नहीं सच्चाई बता रहा हूं कि वहां के जिलाधिकारी को चार बजे सुबह कटाव का पता चला और साढ़े छह तक हमारे अध्यक्ष से लेकर सभी प्रतिनिधि वहां जुटे और डीएम के प्रतिनिधि एडीएम भी पहुंच गए और सारी कार्रवाई की गई.


उन्होंने कहा, " सबसे ज्यादा खुशी मुझे तब हुई जब मैं कल बाढ़ पीड़ितों के बीच बांध पर जायजा ले रहा था, तो वहां देखा कि डॉक्टर दवा भी दे रहे थे और वहां एंटीजन से कोरोना टेस्ट भी किया जा रहा था. ये खासियत है लोग बुराई निकालते हैं पर ये अच्छाई भी है. मैं कह रहा हूं जहां तक चुनाव की बात है तो ये चुनाव आयोग ही बता सकता है कि चुनाव होगा या नहीं होगा क्योंकि ये मेरे हाथ में नहीं है. इसलिए मैं इसपर कोई प्रतिक्रिया भी नहीं दे सकता. लेकिन मैं ये जरूर कहूंगा ,मैं जिस पार्टी का कार्यकर्ता हूं, उसके नेता देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी हैं जो 2015 में भोजपुर आए थे और सवा लाख करोड़ रुपये के पैकेज की घोषणा की थी और उस घोषणा के साथ साथ अभी बिहार में चुनाव डिक्लियर नहीं हुआ है. लेकिन एक एक पैसा को जमीन पर दिया है, ये होता है कथनी और करनी कोई माई का लाल ये नहीं कह सकता है कि प्रधानमंत्री ने जो पैकेज दिया वो कहां है?"


उन्होंने कहा," उससे भी बड़ी बात है कि भारत को आत्मनिर्भर भारत बना दिया उस ओर अग्रसर हो गए. हम पहली बार हम ताइवान को ब्रमोस एक्सपोर्ट करने जा रहे हैं. आज तक हम डिफेंस के सारे चीज इम्पोर्ट करते रहे और प्रधानमंत्री और रक्षा मंत्री ने कहा कि सौ आइटम को हम इम्पोर्ट नहीं करेंगे, अब हम आत्मनिर्भर भारत में एक्सपोर्ट कर रहे हैं. कोरोना के आते ही पूरी दुनिया ने नरेंद्र मोदी को मैनेजमेंट गुरु के रूप में स्वीकार किया, हमारे पास एक ही इंस्टीट्यूट था टेस्टिंग का आज 15 सौ से अधिक हो गए हैं, गांव-गांव में टेस्ट हो रहे हैं, लैब नहीं था, डेडिकेटेड अस्पताल नहीं था, बेड नहीं था, आज 12 से 13 लाख बेड हो गए, ग्यारह लाख से ऊपर टेस्टिंग हो रहे हैं और सबसे बड़ी बात है कि जो पीपीई किट, वेंटिलेटर, मास्क हम इम्पोर्ट करते थे अब एक्सपोर्ट करने की ताकत में है यही है आत्मनिर्भर भारत."


गिरिराज सिंह ने कहा, " नरेंद्र मोदी ने जो कहा है आज भी मन की बात में आत्मनिर्भर भारत को ही उन्होंने कहा और उन्होंने खिलौने का जो उदाहरण दिया, हमारे यहां तो लकड़ी से बने खिलौने एक से एक तैयार होते थे अब उसमें टेक्नोलॉजी को जोड़ेंगे. हमने 59 एप को हटा दिया और उसके सबच्यूट भी लाना शुरू कर दिया. इसलिए जिस दिन भारत आत्मनिर्भर भारत की ओर अग्रसर होगा और जो नरेंद्र मोदी ने कहा है वो हो रहा है और मेरे समझ से कोरोना काल हमारे लिए आपदा रहा उस आपदा को भी, दुनिया में 70 ऐसे देश हैं जिनकी आबादी 80 करोड़ से नीचे है लेकिन लेकिन यहां भारत में 80 करोड़ से ऊपर के लोगों को 8 महीने का भोजन देने का काम किया है. यही आत्मनिर्भर भारत और गरीब कल्याण और यही संवेदना नरेंद्र मोदी का संवेदना और समर्पण है. एक तरफ उन्होंने 2014 में लोकतंत्र को दंडवत किया. वहीं राष्ट्र के प्रतीक राम जन्मभूमि में भी उन्होंने समर्पित किया जो 5 सौ साल से नहीं हुआ."


उन्होंने कहा, " मेरी आंखें फूटी हुई नहीं हैं, मैं चुनौती के साथ स्पेसिफिक जगह की बात कह रहा हूं, बेगूसराय जिले के वीरपुर के बगल में जो कटाव हुआ है वहां आज कोई जाकर देखे, कल मैं खुद वहां से होकर आया हूं, छोटा सा मेडिकल कैम्प तिरपाल के अंदर चल रहा था और वहां टेस्ट भी हो रहा था और वो जमीन पर नहीं था. कल बरौनी थर्मल पावर से जब चला एक घंटे 45 मिनट में टॉल टेक्स पहुंच गया कैसे. सड़क सरमेरा पथ, चंडी दनियावां होते हुए आया. कभी हम लालायित होते थे गांव में सड़के नहीं थीं, केरोसिन तेल कैसे पहुंचे इसके लिए सोचते थे आज प्रधानमंत्री ने घर-घर बिजली पहुंच दिया, ये कोई आंकड़े नहीं."


उन्होंने कहा, " मैं विपक्ष से पूछता हूं कि कोई ऐसा गांव नहीं जिस पंचायत में सड़कें नहीं हो, जो हमारे गरीब भाई रौशनी के लिए किरासन तेल ढूंढते थे आज सौभाग्य योजना की वजह से घर-घर बिजली है. ये सभी आंकड़े हैं और ये विपक्ष आंकड़े कहकर नरेंद्र मोदी को लोगों के दिलों से नहीं निकाल सकते."


सीट बंटवारे को लेकर उन्होंने कहा कि ये मैं नहीं जानता कि इसबार क्या पैटर्न होगा. ये जो राज्य के नेता और देश के नेता हैं उन्हें देखना है. मैं तो पार्टी का एक कार्यकर्ता हूं तो जो पार्टी का निर्णय होगा वो करूंगा. मैं कोई नेता नहीं पार्टी का मैं एक कार्यकर्ता हूं और जो पार्टी तय करेगी वहीं करूंगा.