पटना: क्या जेडीयू का राष्ट्रीय अध्यक्ष बदलने वाला है? क्या नीतीश कुमार अपनी पार्टी की कमान आरसीपी के हाथों से लेकर किसी और को सौंपने वाले हैं? दरअसल, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के बेहद करीबी नेता आरसीपी सिंह के केंद्रीय मंत्री बनने के बाद से सूबे की सियासी गलियारों में ऐसी चर्चाएं तैर रहीं हैं. चर्चाएं है कि ललन सिंह को पार्टी की कमान सौंपी जा सकती है. वहीं, प्रदेश नेतृत्व में भी फेर बदल होने की संभावना जताई जा रही है. खैर इन कयासों में कितनी सच्चाई है, ये कल की बैठक में स्पष्ट हो जाएगा.


नए अध्यक्ष का चुनाव करना मुख्य उद्देश्य 


दरअसल, 31 जुलाई को दिल्ली में जेडीयू के राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक बुलाई गई है. विधानसभा का मॉनसून सत्र खत्म होने के बाद मुख्यमंत्री सहित सभी जेडीयू नेता दिल्ली के लिए रवाना हो गए हैं. ऐसा माना जा रहा है कि बैठक का मुख्य उद्देश्य पार्टी के लिए नए अध्यक्ष का चुनाव करना ही है. इस पद के लिए पार्टी के संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष और पूर्व केन्द्रीय मंत्री उपेंद्र कुशवाहा और ललन सिंह सबसे प्रबल उम्मीदवार बताए जा रहे हैं.


नीतीश कुमार जो कहेंगे वही होगा


इस बाबत पहले से दिल्ली में मौजूद जेडीयू सांसद राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह ने एबीपी न्यूज से फोन पर कहा कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पार्टी के सर्व मान्य नेता हैं. उनके मन में क्या है, यह वही बता सकते हैं. नीतीश कुमार जो कहेंगे वही होगा. खुद को पार्टी अध्यक्ष बनाए जाने के सवाल पर कहा कि वह लोकसभा में जेडीयू के संसदीय दल के नेता हैं. 


हालांकि, उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार से पांच दिन पहले उनकी बात हुई थी. उन्होंने 30 जुलाई को दिल्ली आने की बात कही थी. लेकिन पार्टी अध्यक्ष बनाए जाने पर कोई चर्चा नहीं हुई है. नीतीश कुमार ही तय करेंगे कि अगला अध्यक्ष कौन होगा. दरअसल, लोकसभा सत्र में होने की वजह से ललन सिंह पहले से ही दिल्ली में हैं.


बता दें कि दिल्ली के जंतर-मंतर स्थित पार्टी के केंद्रीय कार्यालय में शनिवार की शाम चार बजे से राष्ट्रीय कार्यकरिणी की बैठक होनी है. बैठक में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, केंद्रीय इस्पात मंत्री और पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष आरसीपी सिंह, सभी सांसद, सभी राज्यों के प्रदेश अध्यक्ष और कार्यकारिणी के सभी सदस्य हिस्सा लेंगे. 


केंद्रीय मंत्री बनाए गए हैं आरसीपी


बैठक में सदस्यता अभियान की रूपरेखा, संगठन से जुड़े मुद्दों पर चर्चा होगी. साथ कई राज्यों में आने वाले विधानसभा चुनाव की रणनीति पर भी चर्चा होगी. मालूम हो कि इसके पहले नीतीश कुमार ने खुद अध्यक्ष पद छोड़कर राज्यसभा सांसद आरसीपी सिंह को पार्टी का अध्यक्ष बनाकर सबको चौंका दिया था. लेकिन आरसीपी सिंह के केंद्रीय मंत्री बन जाने के बाद से ही नए अध्यक्ष बनाने की चर्चा शुरू हो गई है. 


पार्टी के वर्तमान अध्यक्ष आरसीपी सिंह को हाल ही में केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार में इस्पात मंत्री बनाया गया है. माना जा रहा है कि पार्टी के 'एक व्यक्ति एक पद' की नीति के मद्देनज़र आरसीपी सिंह अध्यक्ष का पद छोड़ेंगे, जिसके बाद नए अध्यक्ष की नियुक्ति की जाएगी. 18 जुलाई को हुई पार्टी की एक बैठक में आरसीपी सिंह ने कहा था कि वो मंत्री और अध्यक्ष का पद एक साथ संभालने में सक्षम हैं. हालांकि, उन्होंने ये भी कहा कि अगर पार्टी उन्हें अध्यक्ष पद से हटने को कहेगी तो भी उन्हें कोई दिक्कत नहीं होगी.


ललन सिंह का राजनीतिक सफर


बता दें कि बिहार के मुंगेर संसदीय सीट से सांसद राजीव रंजन उर्फ ललन सिंह को भी नीतीश कुमार का करीबी माना जाता है. 24 जनवरी, 1955 को उनका जन्म हुआ है. भूमिहार जाति से आने वाले ललन सिंह जेडीयू के प्रदेश अध्यक्ष रह चुके हैं. साल 2014 में लोकसभा चुनाव में हार के बाद उन्हें राज्यपाल कोटा से बिहार विधान परिषद भेजा गया था. वहीं, जीतन राम मांझी के कैबिनेट में सड़क निर्माण विभाग का जिम्मा सौंपा गया था. 


हालांकि, ललन सिंह के मंत्री बनाए जाने की वजह से जेडीयू में बगावत हो गई थी और 12 विधायकों के साथ ज्ञानेंद्र सिंह ज्ञानू बीजेपी में चले गए थे. जिसके 2015 के फरवरी में उन्हें मंत्री पद से हटा दिया गया था. हालांकि, 2015 में दोबारा महागठबंधन सरकार बनने के बाद उन्हें नीतीश कैबनेट में जगह मिली थी.


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