नालंदा: बिहार शरीफ शहर में लोगों ने रविवार को मोहर्रम पर्व (Muharram Festival) को लेकर जुलूस नहीं निकालने का फैसला लिया है. जुलूस निकालने के लिए बिहार शरीफ के कई मोहल्लों के लोगों ने जिला प्रशासन से लाइसेंस भी ले लिया था. इसके बाद भी जुलूस निकालने के लिए मोहल्लेवासी तैयार नहीं हैं. पुलिस प्रशासन के द्वारा जुलूस को लेकर सुरक्षा का पुख्ता इंतजाम भी किया गया है. शहर में रैफ फोर्स की तैनाती की गई थी, जिससे मोहर्रम जुलूस शांतिपूर्ण संपन्न हो. जिला प्रशासन और पुलिस के अधिकारी मोहल्ले में जाकर लोगों को समझाने का प्रयास भी कर रहे हैं, लेकिन जुलूस निकालने के लिए कोई तैयार नहीं हो रहा है.


लोगों ने बताई वजह


इस मामले पर अंजुमन मुफिदुल इस्लाम नालंदा के उपाध्यक्ष मीर अरशद हुसैन से बातचीत की गई. बातचीत के दौरान उन्होंने बताया कि इस साल रामनवमी जुलूस के दौरान लहेरी थाना इलाके का गगनदीवान मोहल्ला के पास कुछ बाहर से आकर आससामाजिक तत्वों ने विवाद उत्पन्न किया था, विवाद इतना बढ़ गया था कि आससामाजिक तत्वों ने मदरसा में आग लगा दी थी. मदरसा में रखे धार्मिक ग्रंथ जलकर राख हो गया और मस्जिद को भी क्षतिग्रस्त किया गया था. एफआईआर दर्ज होने के बाद भी पुलिस की कार्रवाई नहीं होने के कारण निर्णय लिया गया कि इस बार गम में मोहर्रम का जुलूस शहर में नहीं निकला जाएगा.


'मोहल्ले में ही मोहर्रम पर्व मनाएंगे'


आगे मीर अरशद हुसैन ने बताया कि जो लोग मोहर्रम जुलूस निकालने के लिए लाइसेंस लिए हैं वो जिला प्रशासन के दबाव में लिए थे. कोई खुशी से नहीं लिया था. लाइसेंस लेने के बाद भी हमने मोहल्लेवासी से बात की. उन्होंने कहा कि हम समाज के साथ हैं. वहीं, बिहार थानाअध्यक्ष नीरज कुमार सिंह ने फोन पर बताया कि हमारे इलाके के मिरदाद, बैगनाबाद और शेखना मोहल्ले के लोगों ने जुलूस के लिए लाइसेंस लिया है, लेकिन अचानक लोग जुलूस नहीं निकलने की बात कह रहे हैं. थानाध्यक्ष ने बताया कि सुरक्षा का पुख्ता इंतजाम है फिर भी लोग जुलूस नहीं निकल रहे हैं. मोहल्लेवासी का कहना है कि मोहल्ले में ही मोहर्रम पर्व मनाएंगे.


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