पटनाः बिहार सरकार (Bihar Government) के पशुपालन मंत्री और विकासशील इंसान पार्टी के संस्‍थापक मुकेश सहनी (Mukesh Sahani) को बड़ा झटका लगा है. वीआईपी के सभी तीन विधायक बीजेपी में शामिल हो गए हैं. विधानसभा अध्‍यक्ष से मुलाकात के बाद बीजेपी में शामिल होने की जानकारी दी गई है. पार्टी के तीनों विधायक राजू सिंह, मिश्री लाल और स्वर्णा सिंह भाजपा में शामिल हुए. विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा ने तीनों विधायकों को मान्यता दी है.


वीआईपी के पास निर्वाचित प्रतिनिधियों के तौर पर केवल यही तीन विधायक और एक विधान पार्षद मुकेश सहनी खुद हैं. बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष डॉ. संजय जायसवाल (Sanjay Jaiswal) 7.30 में प्रेस मीडिया को संबोधित करेंगे. इस प्रकरण के बाद बिहार में राजनीतिक घटनाक्रम तेज हो गई है. बताया जा रहा है कि राज्य के दोनों उपमुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद और रेणु देवी के साथ वीआईपी पार्टी के तीनों विधायक मिश्रीलाल यादव, राजू सिंह और स्वर्णा सिंह पहुंचे बिहार विधानसभा अध्यक्ष से मिले हैं. 


आज ही सहनी ने कहा- हमारी लड़ाई हक, अधिकार के लिए
बता दें कि बिहार के बोचहां विधानसभा क्षेत्र में हो रहे उपचुनाव में बुधवार को विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) की प्रत्याशी डॉ. गीता कुमारी ने नामांकन का पर्चा दाखिल किया है. इस मौके पर बिहार के मंत्री और वीआईपी के संस्थापक मुकेश सहनी, पूर्व मंत्री रमई राम और बैरिया, उत्तर प्रदेश के पूर्व विधायक सुरेंद्र प्रसाद सिंह तथा पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता देव ज्योति भी उपस्थित रहे. इस दौरान एक जनसभा को संबोधित मुकेश सहनी ने दावा करते हुए कहा कि बोचहां सीट से पहले भी उनकी पार्टी को लोगों ने समर्थन दिया था और आज एक बार फिर यह लोगों को जनसमर्थन बता रहा है कि इस चुनाव में भी हम जीतेंगे. उन्होंने फिर दोहराया कि लोग लड़ते हैं राज करने के लिए, लेकिन हम लड़ते हैं अपने हक-अधिकार के लिए. 


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यूपी चुनाव के बाद से बीजेपी है नाराज
बिहार में बोचहां विधानसभा सीट पर उपचुनाव होना है. एनडीए में शामिल वीआईपी के विधायक मुसाफिर पासवान के निधन से उपचुनाव हो रहा है लेकिन एनडीए से बीजेपी उपचुनाव लड़ रही है. बेबी कुमारी को प्रत्याशी बनाया है. उपचुनाव के लिए यह सीट बीजेपी ने वीआईपी को नहीं दी है. ऐसा इसलिए बीजेपी ने किया क्योंकि बीजेपी के मना करने के बावजूद वीआईपी प्रमुख मुकेश सहनी उत्तर प्रदेश में 53 सीटों पर चुनाव लड़े थे. 


दो महीने के अंदर मुकेश सहनी के एमएलसी का कार्यकाल समाप्त हो रहा है. उसके बाद उनका मंत्री पद भी जा सकता है. अब उपेंद्र कुशवाहा ने नाराजगी व्यक्त की है. उनके बयान से साफ दिखा कि जेडीयू वीआईपी प्रमुख मुकेश सहनी के समर्थन में है. मांझी की पार्टी भी सहनी के समर्थन में है.


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