पटना: बीजेपी (BJP) और वीआईपी (VIP) सुप्रीमो मुकेश सहनी (Mukesh Sahni) के बीच विवाद जारी है. शुक्रवार को बीजेपी ने बोचहां विधानसभा सीट पर हो रहे उपचुनाव के लिए उम्मीदवार का एलान कर सहनी को स्पष्ट संदेश दे दिया है कि पार्टी उनको जरा भी शह देने के मूड में नहीं है. पार्टी का ये रुख देखकर अब सहनी सहम गए हैं और डैमेज कंट्रोल में जुट गए हैं. रविवार को वीआईपी सुप्रीमो मुंबई से लौटे. सूत्रों की मानें तो आवास पर जाने के बजाय वो सीधे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) से मिलने पहुंचे. जेडीयू (JDU) अध्यक्ष ललन सिंह (Lalan Singh) भी वहां मौजूद थे.


सहनी ने मुख्यमंत्री से कही ये बात


सूत्रों की मानें तो सहनी ने मुख्यमंत्री से कहा है कि बोचहां सीट उनकी थी, जिस पर बीजेपी ने बिना उनसे बात किए अपना प्रत्याशी उतार दिया. बीजेपी उनकी पार्टी तोड़ सकती है. इसके साथ ही मंत्री ने बिहार एनडीए की मौजूदा स्थिति पर भी चर्चा की है. नीतीश से मुलाकात के बाद वे सीधा एयरपोर्ट गए, जहां से वे दिल्ली रवाना हो गए.


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ऐसी चर्चा है कि सहनी कल दो बजे बीजेपी आलाकमान से दिल्ली में मिल सकते हैं. बता दें कि बीजेपी ने जब से बोचहां में प्रत्याशी उतारा है व जब से सहनी को पता लगा है कि उनके तीनों विधायक टूट सकते हैं, तब से बैकफुट पर हैं. वहीं, दो महीने बाद उनका एमएलसी का कार्यकाल भी खत्म हो रहा है. ऐसे में अगर बीजेपी उनको फिर से एमएलसी नहीं बनाएगी तो उनका मंत्री पद भी जा सकता है. उन्हें अंदेशा है कि बीजेपी उनको एमएलसी नहीं बनाएगी. ऐसे में वो बैचेन हो गए हैं. 


पार्टी की शर्त मान ली तो होगा फायदा


सूत्रों के अनुसार बीजेपी के एक सांसद के जरिये उन्होंने आलाकमान से मिलने की कोशिश की है. कल आलाकमान से उनकी मुलाकात हो सकती है. ऐसे में अगर वे बीजेपी की शर्तों को मान लेंगे तो हो सकता है कि एनडीए में बने रहें. उनकी पार्टी भी नहीं टूटे. साथ ही फिर से एमएलसी बन जाए और मंत्री पद भी बना रहे. 


लोकसभा चुनाव पर है बीजेपी की नजर


दरअसल, बीजेपी से बगावत करके उत्तर प्रदेश में चुनाव लड़ने की वजह से सहनी बीजेपी की टारगेट पर हैं. पार्टी इसी वजह से उन्हें हैसियत दिखाने में जुटी है. हालांकि, सूत्रों की मानें तो बीजेपी की नजर अब 2024 के लोकसभा चुनाव पर है. बीजेपी हर हाल में यूपी-बिहार में मजबूत रहना चाहती है. दोनों राज्यों को मिलाकर कुल 120 लोकसभा सीट हैं. ऐसे में छोटे दल, जिनकी किसी खास जाति पर पकड़ है, बीजेपी उनको साथ रखना चाहती है.


आलाकमान को पता है की दिल्ली पर 2024 में हुकूमत करना है तो राज्यों में समझौता करना ही होगा. यूपी चुनाव में ओमप्रकाश राजभर, जयंत चौधरी बीजेपी के खिलाफ में बोल रहे थे. लेकिन राजभर की बीजेपी आलाकमान से मुलाकात हुई है. जयंत चौधरी भी जल्द मिल सकते हैं. चर्चा है कि दोनों एनडीए में आ सकते हैं. उसी तरह सहनी अगर बीजेपी के शर्तों को मान गए तो एनडीए में बने रह सकते हैं. 2024 को ध्यान में रखते हुए बीजेपी भी यूपी-बिहार में छोटी पार्टियों को खुद से जोड़ कर रखना चाहती है. 


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