पटना: देश ने बड़े समाजवादी नेता मुलायम सिंह यादव (Mulayam Singh Yadav Death) को खो दिया. सोमवार सुबह दिल्ली के मेदांता हॉस्पिटल (Medanta Hospital) में मुलायम सिंह यादव ने अंतिम सांसें ली. उनके निधन पर पूरे देश में शोक की लहर है. सभी नेता शोक संवेदना प्रकट कर रहे. बिहार के वरिष्ठ नेता आरजेडी सुप्रीमो लालू यादव (Lalu Prasad Yadav) से मुलायम सिंह के गहरे तालुकात रहे हैं. उनकी निधन पर लालू काफी मर्माहत हैं. दोनों का राजनीतिक सफर काफी चर्चे में रहा. कहा जाता है कि मुलायम सिंह ने प्रधानमंत्री नहीं बन पाने का जिम्मेदार लालू यादव को ठहराया था.


लालू के कारण प्रधानमंत्री नहीं बन पाए मुलायम सिंह यादव


मुलायम सिंह यादव और लालू प्रसाद यादव दोनों अपने छात्र जीवन से संघर्ष करके नेता बने और बड़े लीडर के रूप में देश के सामने उभड़े. सन् 1990 के दशक में एक ऐसा मौका आया जब मुलायम सिंह यादव को प्रधानमंत्री बनना तय माना जा रहा था, लेकिन लालू प्रसाद यादव मुलायम सिंह के रास्ते का रोड़ा बन गए. इस कारण वे प्रधानमंत्री नहीं बन पाए. यह बातें मुलायम सिंह यादव ने एक मंच से भी कही थी. उन्होंने कहा था कि लालू प्रसाद यादव और चंद्रबाबू नायडू के कारण हम प्रधानमंत्री नहीं बन पाए थे. उसके बाद दोनों के बीच काफी दूरियां बढ़ गई.


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लालू प्रसाद यादव ने मुलायम सिंह का क्यों किया था विरोध 


साल 1996 में लोकसभा चुनाव में कांग्रेस का दौर खत्म हो चला था. सबसे बड़ी पार्टी बीजेपी उभर कर आई. बीजेपी को 161 सीटें मिली थी जबकि कांग्रेस को 141 सीट हासिल हुए. बड़ी पार्टी होने के कारण बीजेपी दावा पेश कर रही थी और 16 दिनों तक अटल बिहारी वाजपेयी प्रधानमंत्री रहे, लेकिन बहुमत सिद्ध नहीं होने के कारण बीजेपी की सरकार गिर गई. संयुक्त मोर्चा की सरकार बनी. इसमें एच डी देवगौड़ा प्रधानमंत्री बने.


उस वक्त लालू प्रसाद यादव की पार्टी राष्ट्रीय जनता दल को 22 सीटें मिली. सन् 1997 में चारा घोटाला मामले में लालू प्रसाद यादव को जेल जाना तय माना जा रहा था. उस वक्त लालू प्रसाद यादव ने एच डी देवगौड़ा से मदद की गुहार लगाई. जानकार बताते हैं कि प्रधानमंत्री एच डी देवगौड़ा ने उस वक्त मदद से इनकार कर दिया. इस बात पर लालू प्रसाद यादव ने सिंह को काफी खरी-खोटी सुनाई.


प्रधानमंत्री बनने के लिए दोनों नेताओं में हुई थी खटपट


वहीं कहा यह भी जाता है कि उस वक्त के प्रधानमंत्री एच डी देवगौड़ा ने लालू प्रसाद यादव से कहा था कि सरकार और सीबीआई राष्ट्रीय जनता दल की नहीं है. इसके बाद लालू प्रसाद यादव ने अपना समर्थन वापस ले लिया और देवगौड़ा की सरकार गिर गई. सरकार के गिरने के बाद प्रधानमंत्री बनने के लिए मुलायम सिंह यादव का नाम सर्व सहमति से लिया गया. चंद्रबाबू नायडू ने भी हामी भर दी. वामदल भी मुलायम सिंह यादव को प्रधानमंत्री बनाने के लिए सहमति दे चुके थे, लेकिन लालू प्रसाद यादव बीच में रोड़ा बन गए. लालू प्रसाद यादव ने उस वक्त कहा कि जब मुलायम सिंह यादव प्रधानमंत्री बन सकते हैं तो मैं क्यों नहीं बन सकता? आपराधिक मुकदमा तो दोनों पर चल रहा. 


विरोधी बन गए रिश्तेदार


उस वक्त न तो लालू प्रसाद यादव प्रधानमंत्री बने थे और न ही मुलायम सिंह यादव बन पाए. इस सिलसिले के बाद इंद्र कुमार गुजराल को सर्वसम्मति से प्रधानमंत्री बनाया गया. उस वक्त मुलायम सिंह यादव और लालू प्रसाद यादव एक दूसरे के कड़े विरोधी थे, लेकिन समय के साथ बदलाव हुआ और 2014 में लालू प्रसाद यादव मुलायम सिंह यादव के रिश्तेदार बन गए. मुलायम सिंह यादव के बड़े भाई के पोते तेज प्रताप से लालू प्रसाद यादव की छोटी बेटी राजलक्ष्मी की शादी हुई और विरोधाभास भी खत्म हो गया था.


लालू ने निधन पर कही ये बात


वहीं सोमवार को दिवंगत मुलायम सिंह के रिश्तेदार लालू प्रसाद यादव ने ट्वीट कर संवेदना व्यक्त की जिसमें लालू ने लिखा "समाजवादी वटवृक्ष सपा संरक्षक आदरणीय मुलायम सिंह जी के निधन की खबर से मर्माहत हूँ. देश की राजनीति में एवं वंचितों को अग्रिम पंक्ति में लाने में उनका अतुलनीय योगदान रहा. उनकी यादें जुड़ी रहेगी. ईश्वर से प्रार्थना है कि दिवंगत आत्मा को अपने श्री चरणों में स्थान दें. विनम्र श्रद्धांजलि. " निधन के बाद तेजस्वी यादव मीसा भारती भी मेदांता हॉस्पिटल आज गए.


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