Bihar News: बिहार के मुजफ्फरपुर जिले में 100 से अधिक पुलिसकर्मियों पर दस्तावेज अपने नए पोस्टिंग स्थानों पर ले जाने के आरोप में मामला दर्ज किया गया है. इन दस्तावेजों को दूसरी जगह ले जाने से 900 से अधिक मामलों की जांच में बाधा उत्पन्न हुई है. मुजफ्फरपुर के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) राकेश कुमार के अनुसार, जिले के आठ थानों में ऐसे 134 पुलिसकर्मियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है. एसएसपी ने फोन पर ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया, ‘‘हमने इन पुलिसकर्मियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने का आदेश दिया है.


जिला पुलिस के सूत्रों ने बताया कि कुल 943 मामलों में जांच अधर में लटकी हुई है, क्योंकि तत्कालीन जांच अधिकारियों का तबादला हो गया और उन्होंने फाइल जिम्मेदारी संभालने वाले कर्मियों को नहीं सौंपी.


किस थाने में कितने अधिकारियों पर मामले दर्ज
सूत्रों ने बताया कि जिन पुलिसकर्मियों पर भारतीय न्याय संहिता की धारा 316(5) (लोक सेवकों द्वारा आपराधिक विश्वासघात) के तहत मामला दर्ज किया गया है, उन्होंने ‘‘पांच से 10 साल पहले’’ अपना नया कार्यभार संभाला था. उन्होंने कहा कि ऐसे पुलिसकर्मियों की सबसे अधिक संख्या नगर थाना (54) में थी, उसके बाद ब्रह्मपुरा (27), सदर (21), काजी मोहम्मदपुर (11) और अहियापुर (छह) का स्थान है. सूत्रों ने दावा किया कि ये पुलिसकर्मी, जिनमें से कई अब दूसरे जिलों में तैनात हैं, मुजफ्फरपुर पुलिस के बार-बार लिखित अनुरोध के बावजूद फाइल वापस करने में विफल रहे.


943 आपराधिक वारदातों की अधर में लटकी जांच
पिछले दिनों लंबित केसों की समीक्षा के दौरान ये मामले सामने आए हैं. जिसके बाद वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के निर्देश पर विभिन्न थानों में मामले दर्ज किए गए हैं. आरोपी सभी केस के आईओ का दूसरे थानों में तबादला हो गया है. वे अपने साथ 943 आपराधिक वारदातों की जांच फाइल भी ले गए. जिसकी वजह से 5 से 10 सालों से सैकड़ों केस पेंडिंग पड़े हुए हैं और पीड़ित न्याय के लिए भाग-दौड़कर थक-हार चुके हैं और अपने घर बैठ चुके हैं.


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