Bihar Politics: निकाय चुनाव पर रोक को लेकर नीतीश कुमार पर सुशील मोदी हमलावर, कहा- बिहार सरकार तुरंत करे ये काम
Nagar Nikay Chunav 2022: कोर्ट द्वारा निकाय चुनाव पर रोक के बाद बीजेपी लगातार जेडीयू पर हमलावर है. सुशील मोदी ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को जिद्दी और पिछड़ों का विरोधी बताया है.
पटना: नगर निकाय चुनाव (Nagar Nikay Chunav 2022) पर रोक के बाद बीजेपी लगातार नीतीश सरकार पर हमलावर है. राज्यसभा सांसद सुशील मोदी (Sushil Modi) ने फिर से बिहार सरकार को घेरा है. नीतीश कुमार (Nitish Kumar) को आड़े हाथों लेते हुए मोदी ने हिदायत दी है कि बिहार सरकार तुरंत आयोग गठित करे और फैसला ले. उन्होंने सरकार को कोर्ट के पास जाकर समय बर्बाद नहीं करने की हिदायत दी है.
गुरुवार को सोशल मीडिया पर एक वीडियो जारी करते हुए सुशली मोदी ने कहा कि "निकाय चुनाव में राजनीतिक आरक्षण देने के लिए सरकार अब बिना समय गंवाए विशेष आयोग बनाएं और इस मुद्दे पर सारे पत्राचार सार्वजनिक करे, ताकि सच जनता के सामने आए. सुप्रीम कोर्ट जाकर सरकार समय बर्बाद न करे. कोर्ट का फैसला केवल मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र के लिए नहीं बल्कि पूरे देश के लिए. ईबीसी को मेयर बनने से रोकने के लिए नीतीश जिम्मेवार. तुरंत आयोग गठित करें."
Supreme Court जाकर सरकार समय बर्बाद न करे । S Court का फ़ैसला केवल मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र के लिए नहीं बल्कि पूरे देश के लिए ।EBC को मेयर बनने से रोकने के लिए नीतीश ज़िम्मेवार ।तुरंत आयोग गठित करें । pic.twitter.com/UJDuTJWA7q
— Sushil Kumar Modi (@SushilModi) October 6, 2022
नीतीश कुमार पर लगातार भड़क रहे मोदी
सुशील मोदी कोर्ट के फैसले के लिए लगातार नीतीश कुमार पर हमला कर रहे. पहले भी उन्होंने कहा था कि नीतीश कुमार ने आईएजी और एसईसी की बात भी नहीं मानी. एजी और राज्य निर्वाचन आयोग बार-बार ट्रिपल टेस्ट की बात कर रहे थे लेकिन, मुख्यमंत्री की जिद के कारण एजी को सीएम के मनोनुकूल सुझाव देना पड़ा. मोदी बोले कि "लोगों का करोड़ों खर्च हो चुका. तत्काल चुनाव को रोका जाए. सभी पार्टियों की मीटिंग बुलाकर बातचीत के बाद ही आगे का निर्णय लिया जाए".
कोर्ट के फैसले के बाद से बवाल
बता दें कि हाई कोर्ट ने नगर निकाय चुनाव पर आज ही ये बड़ा फैसला सुनाया है. कोर्ट ने पिछड़ा-अति पिछड़ा वर्ग के लिए रिजर्व सीटों के चुनाव पर रोक लगा दी. बिहार के स्थानीय निकायों में अन्य पिछड़ा वर्गों को आरक्षण दिए जाने के मुद्दे पर यह निर्णय सुनाया गया था. कोर्ट ने स्पष्ट किया कि प्रावधानों के अनुसार तब तक स्थानीय निकायों में ओबीसी के लिए आरक्षण की अनुमति नहीं दी जा सकती, जब तक सरकार 2010 में सुप्रीम कोर्ट द्वारा निर्धारित तीन जांच अर्हताएं नहीं पूरी कर लेती. इसके साथ ही कोर्ट ने नगर निकाय चुनाव पर रोक लगा दी है. इस खबर से सभी प्रत्याशियों के बीच हड़कंप मच गया है. बिहार की सियासत भी गरमा गई है.
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