पटना: बिहार में साइबर अपराधियों (Cyber ​​Crime) का दायरा बढ़ता जा रहा है. हालांकि पुलिस भी इसे लेकर अब सक्रिय है, जिसका प्रभाव भी दिखने लगा है. राज्य में 44 साइबर थाने खोले गए हैं, जिसके बाद साइबर अपराधों की संख्या भी बढ़ती नजर आ रही है. वैसे, तो प्रदेश में आमतौर पर सभी जिलों से साइबर अपराध के मामले सामने आते हैं, लेकिन नालंदा और नवादा में इन अपराधियों की जड़ें अधिक गहरी होती जा रही हैं. आधिकारिक आंकड़ों पर गौर करें तो राज्य में साइबर अपराध के आरोप में 200 से अधिक आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है, जिसमें सबसे अधिक 50 लोग नालंदा जिले से गिरफ्तार हुए हैं तो 26 लोग नवादा जिले से गिरफ्तार हुए हैं.


29 करोड़ 1 लाख रुपए से ज्यादा राशि को बचाया गया


बताया जाता है कि आर्थिक अपराध इकाई के नेशनल क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल के हेल्प लाइन नंबर पर फरवरी से अब तक 6.48 लाख से अधिक शिकायत आ चुकी है, जबकि इसकी मदद से 1543 प्राथमिकी दर्ज की गई है. साइबर अपराधियों पर नकेल कसने के लिए पूरे प्रदेश में 44 साइबर थाने खोले गए हैं. इन सभी थानों में 1800 से अधिक मामले दर्ज किए गए हैं. इसके अलावा, साइबर अपराधियों के चंगुल में जाने से 29 करोड़ 1 लाख रुपए से ज्यादा राशि को बचाया गया है. साइबर अपराध से जुड़े सात हजार से अधिक मोबाइल फोनों को ब्लॉक कर दिया गया.


नवादा में कैशलेस ने दुकानदारों की बढ़ाई परेशानी


बता दें कि नवादा के वारिसलीगंज क्षेत्र में बढ़ते साइबर अपराध को लेकर बाजार के दुकानदार कैशलेस लेन देन नहीं करना चाहते हैं या फिर लेनदेन बंद ही कर दिया है. ऐसा बढ़ते साइबर फ्रॉड की वजह से कर रहे हैं. कई व्यवसायी के बैंक अकाउंट में साइबर फ्रॉड की राशि आने की वजह से होल्ड पर डाल दिया गया है, जिससे व्यवसायियों को परेशानी हो रही है. वहीं, इस संबंध वारिसलीगंज एसबीआई के शाखा प्रबंधक राजीव रंजन ने बताया कि एसबीआई में सैकड़ों खाता में साइबर फ्रॉड की राशि की वजह से होल्ड लगा हुआ है, जिसे साइबर पुलिस की जांच के बाद ही चालू किया जाएगा. शाखा प्रबंधक के अनुसार खाता फ्रिज होने की परेशानी से बचने के लिए दुकानदार सिर्फ परिचित लोगों से ही कैशलेस लेनदेन करें.


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