Nalanda News: बिहार के नालंदा से चौंकाने वाला मामला सामने आया है. पावापुरी ओपी थाने में तैनात दारोगा हरे राम सिंह को उनके ही थाने की पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया. आरोप और पूरा मामला जानकर आप भी कहेंगे ये तो गजब है. दरअसल बीते मंगलवार (20 अगस्त) को यह पूरी घटना हुई है. हालांकि पुलिस ने इसे दबाने का प्रयास किया था, लेकिन मामला सामने आ गया है.


क्या है मामला?


जिस दारोगा को जेल भेजा गया उस पर सरकारी काम में बाधा, शराब पीने और मारपीट करने का आरोप लगा है. एससी-एसटी एक्ट के थाने में मंगलवार को मामला भी दर्ज हो गया. बताया जा रहा है कि मंगलवार से एक दिन पहले सोमवार को पावापुरी ओपी थाने के दारोगा कारू रविदास सैनिक स्कूल रोड में गश्ती कर रहे थे. इस दौरान नानंद निवासी तीन शराबी श्रवण रविदास, रंजीत महतो और राजेश कुमार को उन्होंने पकड़ लिया. तीनों को थाने लाया गया. बात इन्हीं तीनों की गिरफ्तारी से शुरू होती है.


पकड़े गए शराबियों में श्रवण रविदास विम्स अस्पताल के कैंटीन में काम करता था. उसकी जान-पहचान दारोगा हरे कृष्ण सिंह से थी. आरोप है कि हरे कृष्ण सिंह शराबियों को रिहा कराने के लिए अपने सहकर्मी पर दबाव बना रहे थे. रिहा नहीं करने पर पदाधिकारी ने सहकर्मी के साथ मारपीट कर दी. इसके बाद सुरक्षा बलों के सहयोग से दारोगा हरे कृष्ण सिंह को गिरफ्तार कर लिया गया. थाने में केस दर्ज किया गया.


दारोगा समेत चार लोगों को भेजा गया जेल


इस घटना की सूचना वरीय पुलिस पदाधिकारी को दी गई तो उन्होंने मेडिकल जांच का आदेश दिया. मेडिकल जांच में पुष्टि हो गई कि दारोगा हरे कृष्ण सिंह ने शराब का सेवन किया है. केस दर्ज और जांच होने के बाद वरीय पुलिस अधिकारी के निर्देश पर दारोगा को न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया. पावापुरी थानाध्यक्ष नारद मुनि सिंह ने बताया कि वरीय पुलिस अधिकारी के निर्देश पर दारोगा कारू रविदास ने प्राथमिकी दर्ज कराई है. दारोगा के साथ तीन अन्य शराबियों को न्यायिक हिरासत में जेल भेजा गया है.


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