Nalanda Poisonous Liquor case: बिहार के नालंदा जिले में बीते महीने हुए जहरीली शराब कांड में पुलिस को बड़ी सफलता मिली है. बिहार पुलिस ने शराब कांड में शामिल तीन अप्राथमिकी अभियुक्तों को शुक्रवार को गिरफ्तार किया है. गिरफ्तार लोगों में पटना का होम्योपैथिक चिकित्सक व निजी कंपनी के बड़े अधिकारी भी शामिल हैं. पुलिस इन लोगों पर शराब निर्माण में उपयोग होने वाले रसायनों को मुहैया कराने का आरोप लगा रही है.
सदर डीएसपी डॉ. शिब्ली नोमानी ने बताया कि पटना के खाजेकलां थाना क्षेत्र स्थित लोदी कटरा निवासी होम्योपैथ चिकित्सक डॉ. बिंदु सिंह, बीआरएल कपंनी के बिहार-झारखंड जोनल सेल्स मैनेजर बिहटा थाना क्षेत्र स्थित विष्णुपुरा निवासी संजय कुमार सिंह व बख्तियारपुर थाना क्षेत्र के सिरसी गांव निवासी मुकेश महतो को गिरफ्तार किया गया है. संजय मूलरूप से बक्सर का रहने वाला है.
शराब बनाने में होम्योपैथी दवा का इस्तेमाल
गिरफ्तार आरोपियों के पास से दो कार, एक बाइक, तीन मोबाइल व बीआरएल कंपनी का एक कार्टून डायलूशन मिला है. डीएसपी ने बताया कि एसआईटी लगातार अनुसंधान कर रही है. अनुसंधान के दौरान पूर्व में गिरफ्तार आरोपियों से पूछताछ के आधार पर ये बात सामने आयी है कि अवैध शराब के निर्माण में होम्योपैथी दवा का इस्तेमाल हो रहा था. बीआरएल कंपनी के कर्मी व होम्योपैथी चिकित्सक की मिलीभगत से धंधेबाजों को भारी मात्रा में होम्योपैथी दवा की सप्लाई की गई थी.
एक के बाद एक जुड़ते गए तार
बता दें कि इस मामले में पुलिस पहले ही 12 आरोपियों को गिरफ्तार कर चुकी है. अप्राथमिकी आरोपित सौरभ की निशानदेही पर हरनौत से गुड्डू को गिरफ्तार किया गया था. उससे पूछताछ के आधार पर बख्तियारपुर से सूरज को पकड़ा गया. फिर मुकेश गिरफ्तार हुआ. ये सभी धंधेबाजों को होम्योपैथी दवा सप्लाई करने में शामिल थे. इनसे पूछताछ के बाद होम्योपैथ चिकित्सक समेत तीन को पकड़ा गया है. एसआईटी मामले की जड़ तक पहुंचने के लिए पूरा जोर लगा रही है. गौरतलब है कि पिछले महीने जहरीली शराब पीने से जिले में 12 लोगों की मौत हो गई थी, जिसके बाद से लगातार कार्रवाई की जा रही है.
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