नालंदा: जिले के रहुई थाना इलाके के शिवनंदनपुर गांव से एक बड़ी खबर सामने आई है. यहां अतिक्रमण हटाने गई पुलिस के साथ ग्रामीणों की झड़प हो गई. ग्रामीणों ने वहां पुलिस की कार्रवाई का विरोध किया. ग्रामीणों के मुताबिक जिला प्रशासन वहां सैकड़ों घर तोड़ने पहुंची थी.


ग्रामीणों का कहना है कि वे 50 सालों से इस गांव में रहे हैं. यहां उनके सैकड़ों घर बने हुए हैं. वहीं पुलिस प्रशासन का कहना है कि हाई कोर्ट के आदेश के बाद  वहां अतिक्रमण हटाने के लिए पुलिस पहुंची.


वहीं ग्रामीणों का कहना है कि इस गांव के कई परिवारों को इंदिरा आवास का योजना का लाभ भी मिला है. पुलिस द्वारा ग्रामीणों पर लाठीचार्ज करने की भी खबर है. ग्रामीणों ने बताया कि पहले भी इस तरह की कार्रवाई के विरोध में चिराग पासवान को जानकारी दी गई है. उन्होंने सहयोग का भरोसा दिया था. 


ग्रामीणों ने सांसद चिराग पासवान को दी थी जानकारी


एक सप्ताह पहले दलित परिवार के कुछ लोगों ने इस बारे में सांसद चिराग पासवान को जानकारी दी थी. इस पर सांसद चिराग पासवान ने आश्वासन दिया था कि जल्द गांव जाकर ग्रामीणों की समस्या को सुना जाएगा. इधर भारी संख्या में पुलिस की मौजूदगी में बुधवार को कई घरों को तोड़ दिया गया.


बताते चलें कि कोर्ट के आदेश के बाद इसके पहले दो बार पुलिस प्रशासन द्वारा ग्रामीणों को अतिक्रमण मुक्त कर लेने की सलाह दी गई थी, मगर ग्रामीण मानने को तैयार नहीं हुए. इसके बाद पुलिस प्रशासन बुधवार को अपने दल-बल के साथ गांव पहुंची और अतिक्रमण हटाने के लिए कार्रवाई की गई.


बिहारशरीफ अनुमंडल पदाधिकारी ने दी मामले की जानकारी


बिहारशरीफ अनुमंडल पदाधिकारी अभिषेक पलासिया ने बताया कि हाई कोर्ट के आदेश के बाद अतिक्रमण मुक्त कराने के लिए पूरी टीम के पुलिस प्रशासन गांव पहुंची. उन्होंने कहा कि दो बार पहले गांव आकर ग्रामीणों को समझाया गया था मगर वे मानने को तैयार नहीं थे. कोर्ट के आदेश के बाद इस गांव में सैकड़ों घरों को तोड़ जाना है. फिलहाल आधा दर्जन घर को जेसीबी के माध्यम से तोड़ दिया गया है और आगे की कार्रवाई की जा रही है. 


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