Bihar Flood: बिहार में बाढ़ के दीर्घकालिक समाधान के लिए केंद्र सरकार ने एक एक उच्च स्तरीय समिति का गठन किया है. यह उच्च स्तरीय समिति ने शुक्रवार को बिहार के जल संसाधन मंत्री विजय कुमार चौधरी और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक की और केंद्र द्वारा राज्य में बाढ़ से निपटने के लिए उठाए जा रहे कदमों पर चर्चा की.
जल संसाधन विभाग के जारी एक बयान के अनुसार 'पांच सदस्यीय समिति ने मंत्री और विभाग के अन्य वरिष्ठ अधिकारियों से मुलाकात की और राज्य में केंद्र के उठाए जा रहे कई उपायों पर चर्चा की.’


समिति ने कई परियोजनाओं की दी जानकारी


समिति के सदस्यों ने मंत्री को बाढ़ प्रबंधन एवं नियंत्रण के लिए केन्द्र सरकार की तरफ से तैयार की गई विभिन्न परियोजनाओं के बारे में भी अवगत कराया. बैठक में बिहार के दो अन्य मंत्री अशोक चौधरी और बिजेंद्र प्रसाद यादव भी शामिल हुए. इससे पहले दिन में समिति के सदस्यों ने जेडीयू के कार्यकारी अध्यक्ष संजय झा से मुलाकात की. झा वर्तमान में पार्टी के राज्यसभा सदस्य हैं और पहले राज्य में जल संसाधन मंत्री थे.


कई नदियों में बढ़ा जलस्तर


बता दें कि हर साल बिहार के कई जिला बाढ़ से प्रभावित होता है और करोड़ों लोगों की जीवन अस्त व्यस्त हो जाती है. यह समस्या सालों से बनी हुई है. इस साल भी मानसून शुरू होते ही नदियों के विकराल रूप दिखने लगे हैं. जल संसाधन विभाग के मुताबिक, प्रदेश में गंडक और कोसी नदी कुछ स्थानों पर खतरे के निशान से ऊपर बह रही है. गंडक नदी गोपालगंज के डुमरिया घाट पर खतरे के निशान से ऊपर बह रही है जबकि, कोसी नदी खगड़िया के बलतारा में लाल निशान से ऊपर है. 


वहीं, अररिया में बकरा और परमान नदियों में आई बाढ़ से कई निचले इलाकों में पानी घुस गया है. छोटी नदियों के भी जलस्तर में वृद्धि हुई है. कई स्थानों पर नदियों का पानी तराई इलाकों में फैलने लगा है.


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