नवादा: बिहार में स्वास्थ्य व्यवस्था ठीक होने के लाख दावे किए जा रहे हों लेकिन नवादा की तस्वीर पोल खोलने के लिए काफी है. यहां इलाज तो छोड़ दीजिए मरीजों को एंबुलेंस तक की सुविधा नहीं मिल रही है. मामला गुरुवार की रात का है. किसी तरह मरीज को ठेले पर लेकर परिजन सदर अस्पताल तो पहुंचे लेकिन यहां इलाज नहीं हो सका. सदर अस्पताल में ऑन ड्यूटी चिकित्सक ने मरीज को बिना देखे ही रेफर कर दिया.
बताया गया कि शहर के गढ़ पर मोहल्ला के शिवशंकर प्रसाद के पुत्र प्रिंस की तबीयत खराब हुई. एंबुलेंस के लिए 102 पर वे फोन करते रहे लेकिन जवाब नहीं मिला. आनन फानन में उसके पिता अस्पताल पहुंच गए. बीमार बेटे को परिवार के अन्य सदस्य ठेला पर लेकर अस्पताल आ रहे थे. इसी बीच पिता ने पर्ची कटा ली और वो डॉक्टर के पास चले गए. बीमारी के बारे में बता रहे थे. पिता का आरोप है कि उनकी बात सुनते ही डॉक्टर ने पर्ची पर रेफर लिख दिया. कह दिया कि वो हड्डी के डॉक्टर हैं इसलिए वो इलाज नहीं कर सकते हैं.
सुबह से ही खराब थी तबीयत
परिजनों ने बताया कि प्रिंस की सुबह से ही तबीयत खराब थी. उसे बुखार लगा था और उसे मिर्गी की भी शिकायत थी. शाम में चार बजे परिजन उसे सदर अस्पताल लेकर आए थे. उस समय बुखार की दवा दी गई और घर भेज दिया गया था. रात में आने के बाद फिर उन्हें बिना देखे ही विम्स रेफर कर दिया गया. परिजन बाद में प्राइवेट एंबुलेंस से पावापुरी लेकर गए.
इधर ड्यूटी पर तैनात चिकित्सक ने बताया कि शाम करीब चार बजे मरीज को लेकर परिजन आए थे. उस समय मरीज को देखने के बाद ही दवाई लिखी गई थी. अब तबीयत ज्यादा बिगड़ गई है तो उसे विम्स के लिए रेफर किया गया है.
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