Cyber Crime: नवादा में एक बार फिर साइबर थाना की पुलिस ने ऑनलाइन ठगी करने वालों के खिलाफ शिकंजा कसा है. जिले के वारिसलीगंज थाना क्षेत्र के कोचगांव के बगीचे में छापेमारी कर ऑनलाइन ठगी कर रहे 16 साइबर अपराधियों को रंगेहाथों पुलिस ने धर-दबोचा है. अपराधियों के पास से 15 मोबाइल, 27 पश्चिम बंगाल के एक्टिव सिम कार्ड, तीन बाइक, एक लैपटॉप, सात डेबिट कार्ड, 17 आधार कार्ड, तीन पैन कार्ड, एक वोटर कार्ड और एक बैंक पासबुक बरामद किए गए हैं. पुलिस कार्यालय में आयोजित प्रेस वार्ता में पुलिस कप्तान अभिनव धीमान ने मंगलवार को यह जानकारी दी.
मामले में एसपी ने दी जानकारी
पुलिस कप्तान अभिनव धीमान ने बताया कि प्रतिबिंब पोर्टल व तकनीकी साक्ष्य के आधार पर साइबर थाना की पुलिस ने कोचगांव के बगीचे में छापेमारी की. इस दौरान साइबर अपराधियों को पकड़ लिया गया. उन्होंने बताया कि सभी अपराधी बगीचे में बैठ कर धनी फाइनेंस एवं इंडिया वुल्स के नाम पर सस्ते लोन का ऑफर देकर भोले-भाले लोगों से ठगी कर रहे थे. बगीचे की घेराबंदी करते हुए पुलिस उन अपराधियों को धर दबोचा.
मोबाइल नंबर उपलब्ध कराने वाला गिरफ्तार
एसपी ने बताया कि साइबर अपराधियों की गिरफ्तारी में एक बड़ी उपलब्धि हाथ लगी है. उन्होंने बताया कि पहले छापेमारी में सामान बरामद होते थे, लेकिन किसी प्रकार का बैकवर्ड लिंक नहीं मिलता था. तब एक बात सामने आती थी कि अधिकांश मोबाइल नंबर पश्चिम बंगाल क्षेत्र के एक्टिव सिम कार्ड होते थे. इस बार छापेमारी में बंगाल क्षेत्र के नंबर उपलब्ध कराने वाले दुकानदार को भी गिरफ्तार कर लिया गया है. उसके पास से पश्चिम बंगाल के नंबरों से एक्टिव करीब 20 सिम बरामद किए गए हैं. साथ ही अपराधियों के अन्य बैकवार्ड लिंकेज का भी पता लगाया जा रहा है.
क्या सफेदपोशों से जुड़े हैं तार?
एसपी ने बताया कि साइबर अपराधियों को 12 सौ से लेकर 13 सौ में पश्चिम बंगाल क्षेत्र के एक्टिव सिम कार्ड को उपलब्ध कराया जाता था. आगे उन्होंने बताया कि साइबर डीएसपी सह थानाध्यक्ष प्रिया ज्योति के नेतृत्व में कोचगांव के बगीचे में छापेमारी की गई थी.
वहीं, पूरे मामले में एक चौंकाने वाली बात सामने आ रही है. साइबर अपराधियों को पांव जमाने में कुछ सफेदपोशों की भी मदद मिल रही है. सूत्रों की मानें तो पकड़े गए 16 में एक अपराधी को निर्दोष बताते हुए उसे बचाने के लिए कुछ सफेदपोश सिफारिश करते रहे. हालांकि पुलिस के पास उस अपराधी के खिलाफ पुख्ता सबूत उपलब्ध थे. इसलिए पुलिस ने उन सफेदपोशों की सिफारिशों को अनसुना कर दिया. हालांकि पुलिस की तरफ से इस बात का कोई जिक्र नहीं किया गया है. एसपी ने भी अपने प्रेस वार्ता में ऐसी कोई चर्चा नहीं की.
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