नवादा: जिले में मानूसन ने दगा दे दिया. बारिश के अभाव में बिचड़ा लगे खेत सूख रहे हैं. दरारें फटने लगी हैं. खेतों का यह हाल देख किसानों का कलेजा फटने लगा है. मौसम का हाल यह है कि वर्षा की बूंदों के बजाए सूर्य की कड़ी तपिश धरती पर उतर रही है. खेती के लिए अनुकूल आद्रा नक्षत्र बीत गया, आषाढ़ का महीना समाप्त होने को है, दो दिन बाद सावन प्रवेश कर जाएगा, लेकिन बारिश नहीं हो रही.


जुलाई का पहला पखवारा भी समाप्त होने वाला है और अबतक मात्र 30 मिलीमीटर ही बारिश दर्ज की गई है, जबकि इस महीने में सामान्य वर्षापात 261.60 एमएम है. यानि सामान्य वर्षापात से काफी कम बारिश हुई, वह भी जिले के छिटपुट स्थानों पर. पूर्वानुमान भी किसानों की उम्मीदों से विपरित है. 14 जुलाई के बाद जिले में छिटपुट बारिश का पूर्वानुमान है. लिहाजा अभी भी किसानों को झमाझम बारिश का इंतजार है। अगर मौसम का यही हाल रहा तो सुखाड़ की मार झेलना पड़ेगा. पकरीबरावां प्रखंड के उकौड़ा गांव के किसानों ने बताया कि किसी तरह बिचड़े की रोपाई कर ली है, लेकिन वर्षा नहीं होने से बिचड़ा पीला पड़ रहा है.


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जिले में सूखे के दिख रहे आसार
इस बार मानसून ने पूरी तरह दगा दे दिया है. अच्छी बारिश के अभाव में जिले में सूखा पड़ने के आसार दिख रहे हैं. खेत पूरी तरह सूख गए हैं और धान की रोपाई का काम बंद है. नमी गायब होने से खेतों में दरारें पड़ रही हैं, जिससे किसानों की समस्या बढ़ रही है. मानूसन की दगाबाजी से किसानों के अरमानों पर पानी फिरता दिख रहा है. गौरतलब है कि जिले में 7969.02 हेक्टेयर में धान का बिचड़ा बोने का लक्ष्य निर्धारित किया गया था. इसके विरुद्ध 95 प्रतिशत लक्ष्य हासिल किया जा चुका है, लेकिन वर्षा नहीं होने से बिचड़ा पीला पड़ रहा है और धान की रोपाई प्रभावित हो रही है. कृ़षि विभाग के सहायक निदेशक गुंजन कुमार ने कहा कि जितनी बारिश होनी चाहिए थी, उतनी नहीं हुई है. विभाग से आकस्मिक खेती की तैयारी करने का निर्देश मिला है. इस दिशा में तैयारी की जा रही है. 


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