नवादा: अंग्रेजों से देश को आजाद कराने वाले स्‍वतंत्रता सेनानी पेंशन के लिए भटक रहे हैं. मामला नवादा जिले का है. अफसरशाही के फेर में फंसकर स्‍वतंत्रता सेनानी सरकारी कार्यालयों का चक्‍कर काट रहे हैं. सिस्‍टम की संवेदनहीनता से त्रस्‍त 98 साल के बुजुर्ग स्‍वतंत्रता सेनानी ने अब तो यहां तक कह दिया है कि या तो उन्‍हें पेंशन देकर सम्‍मानित किया जाए या फ‍िर कफन.  


प्‍यारेला कुशवाहा मूलरूप से नवादा जिले के रोह थाना क्षेत्र के महरावां गांव के रहने वाले हैं. देश की आजादी के आंदोलन में उन्‍होंने भाग लिया था. लेकिन इसके बाद भी उन्‍हें सरकार की ओर से वो सम्‍मान नहीं मिल सका, जिसके वह हकदार थे. यहां तक की अब तक उन्‍हें पेंशन भी नहीं दी जा रही है. 98 वर्षीय प्‍यारेलाल कुशवाहा ने बताया कि पेंशन के लिए उन्‍होंने डीएम से लेकर अन्‍य अधिकारियों को कई बार आवदेन दिए हैं. अधिकारी उनसे आवेदन तो ले लेते हैं, लेकिन आगे कोई कार्रवाई नहीं करते हैं. यही कारण है कि आज तक उन्‍हें सरकार की ओर से किसी तरह का लाभ नहीं मिल सका. 


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प्रधानमंत्री और मुख्‍यमंत्री को भी लिख चुके हैं पत्र 


स्‍वतंत्रता सेनानी को मिलने वाले पेंशन के लिए प्‍यारेलाल कुशवाहा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) और बिहार के मुख्‍यमंत्री नीतीश कुमार (Bihar Chief Minister Nitish Kumar) को भी पत्र लिख चुके हैं. उन्‍होंने बताया कि अब तक पीएमओ (PMO) और सीएमओ (CMO) से भी कोई जवाब नहीं मिला है. प्‍यारेलाल कुशवाहा ने कहा कि अब या तो सरकार पेंशन देकर उन्‍हें सम्‍मानित करे या फ‍िर कफन दे. देश की आजादी के लिए अपना सबकुछ न्‍योछावर करने वाले स्‍वतंत्रता सेनानियों को सरकार भूल गई है. पेंशन देना तो दूर, उन्‍हें आज तक पहचान पत्र तक नहीं मिल सका है. वे कई दिनों से डीएम कार्यालय का चक्‍कर काट रहे हैं, यहां भी उन्‍हें कोई पूछने वाला नहीं है.  


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