Nawada News: ट्रक मालिकों को प्रलोभन देकर जाल में फंसाने के बाद ट्रकों को गायब कर बेच देने के मामले में नवादा की पुलिस ने मंगलवार को बड़ी कार्रवाई करते हुए 50 हजार के इनामी अंतरजिला गिरोह के दो शातिर अपराधियों को गिरफ्तार किया है. पकड़े गए अपराधियों में नेमदारगंज थाना क्षेत्र के पचगावां गांव निवासी श्रवण राउत का पुत्र अमर ज्योति और जमुई जिला के बरहट थाना क्षेत्र के भलुका टोला बांझीपियार निवासी विरेंद्र यादव का पुत्र अमलेश कुमार यादव शामिल है.


पकड़े गए अमर ज्योति के खिलाफ बिहार और झारखंड में 23 प्राथमिकी दर्ज हैं और उस पर 50 हजार रुपये का इनाम भी घोषित था. अमर के खिलाफ इसी साल नेमदारगंज व अकबरपुर थाना में 11 प्राथमिकी दर्ज की गई है.


ट्रक मालिक ने कराई थी प्राथमिकी


पुलिस कार्यालय से जारी विज्ञप्ति के अनुसार, कोडरमा (झारखंड) जिले के ट्रक मालिक ने इसी साल 10 जनवरी को प्राथमिकी दर्ज कराते हुए अपने साथ हुए फर्जीवाड़े का उल्लेख किया था. ट्रक मालिक ने बताया था कि कोडरमा के ही एक गेराज में काम करने वाले मुंशी राणा ने ट्रक को लीज पर देकर काफी पैसा कमाने का प्रलोभन दिया था, जिसके बाद वह पचगांवा में अमर ज्योति से उसके ऑफिस में मिला, जहां अमर ने काफी रुपये कमाने का प्रलोभन दिया और विश्वास में लेकर पास के ही एक पेट्रोल पंप पर ट्रक खड़ा करवा दिया और चाबी ले ली. इसके बाद ट्रक का ड्राइवर जब एग्रीमेंट पेपर लेने पहुंचा तो देखा कि गाड़ी गायब है. तत्काल इसकी सूचना मालिक को दी.


अमर ज्योति व उसके साथ राहुल कुमार उर्फ छोटू से पूछताछ करने पर टालमटोल किया जाने लगा. इस दौरान अन्य कई ट्रकों के मालिक ने भी गाड़ी गायब होने की जानकारी दी. इसके बाद ट्रक मालिकों को अपने साथ हुए फर्जीवाड़े का एहसास हुआ और नेमदारगंज थाना में प्राथमिकी दर्ज कराई.


अनुसंधान में खुला अमर का फर्जीवाड़ा


घटना की जानकारी मिलते ही एसआईटी का गठन किया गया. इसके बाद टीम जांच में जुट गई. सीसीटीवी फुटेज को खंगाला गया. आसपास के लोगों से पूछताछ की गई, जिसमें पुलिस को सनसनीखेज जानकारी मिली. अनुसंधान में पता चला कि अमर ज्योति पूर्व से इस प्रकार के फर्जीवाड़े में संलिप्त रहा है. बिहार व झारखंड के कई थानों में प्राथमिकी दर्ज है. तकनीकी अनुसंधान में गायब हुए 11 ट्रक में तीन वैशाली के बिदुपुर, एक गया और एक जमुई से बरामद किया गया. इस मामले में पांच लोगों को गिरफ्तार किया गया था, लेकिन मास्टमाइंड अमर फरार चल रहा था.


 गुप्त सूचना पर हुई गिरफ्तारी


पुलिस को गुप्त सूचना मिली कि मास्टरमाइंड पचगावां पुल के पास है, जिसके बाद उसे गिरफ्तार कर लिया गया. पूछताछ में उसने बताया कि वह ट्रक मालिकों को प्रलोभन देकर उन्हें अपने जाल में फंसाता था. इसके बाद फिर अपने साथियों की मदद से ट्रक को गायब कर देता था और दूसरे स्थानों पर गेराज मालिकों से मिल कर ट्रक का भौतिक स्वरूप बदल दिया जाता था. साथ ही इंजन व चेचिस नंबर को टेम्पर्ड कर और उसका फर्जी कागजात तैयार कर कम दामों में बेच देता था. उसने पूछताछ में अपने एक साथी अमलेश के बारे में भी जानकारी दी. जिसके बाद पुलिस ने उसे भी गिरफ्तार कर लिया. साथ ही जमुई में बेचे गए तीन ट्रक में एक बरहट थाना में बरामद किया गया. 


एसपी कार्तिकेय के शर्मा ने बताया कि गिरोह में शामिल अन्य अपराधियों की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी की जा रही है. जल्द ही उन्हें भी गिरफ्तार कर लिया जाएगा.


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