नवादा: बिहार के नवादा सदर अस्पताल अपनी व्यवस्था में कमी को लेकर लगातार सुर्खियों में रहा है. शुक्रवार शाम भीषण गर्मी के बीच सदर अस्पताल की बिजली करीब एक घंटे तक गुल रही. जिसके कारण रोगी और उसके परिजनों को परेशानी का सामना करना पड़ा. इस दौरान मोबाइल टॉर्च की रोशनी में डॉक्टर मरीजों का इलाज करते देखे गए. जब बिजली गुल का कारण जानने की कोशिश की गई तो पता चला कि सदर अस्पताल का जनरेटर खराब हो गया है और बिजली भी कटी हुई है.


जिसके कारण करीब एक घंटे तक सदर अस्पताल अंधेरे में डूबा रहा और मरीज का हकलान होते रहे. सवाल ये है कि जब जिला के सदर अस्पताल का ये हाल है तो प्रखंड के अस्पतालों का क्या हाल होगा, यह सोचने वाली बात है. मरीज के साथ-साथ उनके परिजनों काफी परेशान रहे.



बताते चलें कि एक तरफ सूबे के स्वास्थ्य मंत्री तेजस्वी यादव बेहतर स्वास्थ्य सेवा देने का दावा कर रहे हैं, तो वहीं दूसरी तरफ नवादा के सदर अस्पताल को लेकर उनके दावे खोखले साबित हो रहे हैं. अस्पताल कर्मियों से मिली जानकारी के अनुसार शुक्रवार को अस्पताल में दिन से ही बिजली की मरम्मत का काम चल रहा था. प्रसूता वार्ड की तरफ जेनरेटर और बिजली का बोर्ड लगाने का काम किया गया.


जिसके चलते यह परेशानी हुई है. इधर, बिजली नहीं रहने के कारण अस्पताल परिसर अंधेरे में डूबा रहा. जिससे मरीजों के साथ साथ उनके साथ आए हुए स्वजनों को भी काफी परेशानी हुई. काफी लंबे समय तक बिजली नहीं रहने की वजह से चिकित्सकों के साथ साथ अन्य कर्मियों को भी काफी दिक्कत का सामना करना पड़ा.


एक घंटे के बाद बिजली आपूर्ति आने के बाद सदर अस्पताल में लोगों को राहत मिली है. इस पूरे मामले पर उपाधीक्षक डॉ अजय कुमार ने बताया है कि अचानक जनरेटर खराब हो गया था दूसरे जगह से जनरेटर मंगवा लिया गया है. पहले तो ऐसी कोई जानकारी हम लोगों को नहीं थी. 


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