नवादा: हमें छोड़कर मत जाइए सर, आपके बिना हमें पढ़ने में मन नहीं लगेगा सर, अब हमें विद्यालय में और छुट्टी के बाद भी पढ़ने-लिखने के लिए कौन कहेगा सर. आ लव यू सर. एक शिक्षक की विदाई पर इन्हीं बातों को दोहराते हुए छात्राएं रोने लगीं. यह हृदयविदारक दृश्य उत्क्रमित उच्च माध्यमिक विद्यालय नेमदारगंज का था. मंगलवार को प्रभारी प्रधानाध्यापक दयानंद प्रसाद की विदाई पर बच्चे उनका साथ छोड़ने को तैयार नहीं थे.


बच्चे अपने प्रिय दयानंद सर का हाथ पकड़ फफक-फफक कर रोने लगे. किसी तरह समझाया गया. दयानंद भी खुद को रोक नहीं पाए. एक बच्ची ने माइक लेकर यह बताया कि वह अपने दयानंद सर की तरह ही शिक्षक बनना चाहती है. वहीं किसी ने देश का सच्चा सिपाही तो किसी ने ब्लैक कमांडो बनने की इच्छा जाहिर की. एक विद्यार्थी ने शिक्षक दयानंद से वैज्ञानिक बनने का वादा किया.






दयानंद प्रसाद को किया गया सम्मानित


प्रधानाध्यापक रघुनंदन किशोर ने सम्मान पत्र पढ़कर वातावरण को और भी कारुणिक बना दिया. उन्होंने दयानंद प्रसाद के व्यक्तित्व के बारे में चर्चा की. वहीं सहायक शिक्षक कुश कुमार ने भी अपनी बातें रखीं. विद्यालय की ओर से दयानंद प्रसाद को श्रीमद्भागवत गीता देकर और अंगवस्त्र देकर सम्मानित किया गया. अन्य सभी शिक्षकों ने भी दयानंद प्रसाद को माला पहनाकर उनका सम्मान किया.


मौके पर शिक्षिका रेखा कुमारी ने विदाई गीत गाकर माहौल को और भी गमगीन कर दिया. कर्मचारियों के साथ-साथ सारे विद्यार्थियों और आसपास के लोगों के बीच दयानंद प्रसाद काफी लोकप्रिय हो गए थे. यही वजह है कि विदाई के समय सभी लोग फूट-फूट कर रोने लगे.


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