बहन के गुनाहगारों से बदला लेने के लिए बन गया था नक्सली, 12 साल बाद इस वजह से किया सरेंडर
नक्सली की मानें तो पांच दिन पहले उसने अपनी परिजनों के समझने पर आत्मसमर्पण करने का फैसला लिया. दरअसल, पुलिस लगातार उसके परिजनों पर नजर रख रही थी और आत्मसमर्पण कराने के लिए दबाव बना रही थी.
रांची: झारखंड सरकार की आत्मसमर्पण एवं पुर्नवास नीति 'नई दिशा एक नई पहल' के अंतर्गत 10 लाख इनामी नक्सली जीवन कंडुलना ने रविवार को सरेंडर कर दिया. जीवन कंडुलना ने बताया कि 2009 में गांव के ही 3-4 लड़कों ने मिलकर उसकी बहन के साथ गैंगरेप कर उसकी हत्या कर दी थी. उस वक्त पीएलएफआई के डर से थाने में केस नहीं किया गया था. ऐसे में 3-4 दिनों के बाद उसकी बहन का शव मिला था.
नक्सली बन बहन के गुनहगारों की कर दी हत्या
नक्सली की मानें तो उस वक्त ही उनसे बहन के गुनाहगारों से बदला लेने की ठान ली थी. इधर, कुछ दिनों के बाद उसे जानकारी मिली कि भाकपा माओवादी संगठन के निर्मल और प्रसाद जी कमरोड़ा बजार आए हैं. ऐसे में निर्मल से सम्पर्क कर वो पार्टी में शामिल हुआ और जिन्होंने उसकी बहन के साथ रेप और उसकी हत्या की थी, उससे बदला लेने के लिए 2012 में उसने उसकी हत्या कर दी. वहीं, इस हत्या के बाद दो लोग गांव छोड़कर भाग निकले.
नक्सली ने बताया कि साल 2018 में उसे गांव और अपने संगठन के लोगों द्वारा यह मालूम चला कि अब्राहम टोपनो उससे जुड़ी सूचना पुलिस को देता है, जिसके बाद उसने उसे घर से उठा कर जंगल में ले जाकर उसकी हत्या कर दी. इसके बाद 2018 में महाबीर मुण्डा की भी उसने हत्या कर दी थी. गौरतलब है कि सरेंडर नक्सली पर कई आपराधिक मामले दर्ज हैं.
परिजनों के समझाने पर किया आत्मसमर्पण
नक्सली की मानें तो पांच दिन पहले उसने अपनी परिजनों के समझने पर आत्मसमर्पण करने का फैसला लिया. दरअसल, पुलिस लगातार उसके परिजनों पर नजर रख रही थी और आत्मसमर्पण कराने के लिए दबाव बना रही थी. ऐसे में उसने भी झारखंड सरकार आत्मसमर्पण नीति से प्रभावित होकर अपने हथियार के साथ रांची पुलिस के उपायुक्त और वरीय पुलिस अधीक्षक, रांची के समक्ष आत्मसमर्पण कर खुशी जाहिर की.
इस दौरान रांची सीनियर एसपी, डीसी, ग्रामीण एसपी ने उन्हें बूके और सोल उड़ाकर सम्मानित किया. वहीं, 10 लाख का चेक और शहर के बीच में 4 डिसमिल जमीन दी. साथ ही उसके स्नातक तक के पढ़ाई की जिम्मेदारी ली.
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