Bihar Politics: झारखंड में दूसरे फेज के चुनाव प्रचार का आज (18 नवंबर) आखिरी दिन है. झारखंड में जनता दल यूनाइटेड एनडीए गठबंधन के अंदर दो सीटों पर चुनाव लड़ रही है. हालांकि जेडीयू के मुखिया और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) झारखंड में चुनाव प्रचार करने नहीं गए. इसके पीछे आखिर क्या वजह है? क्या एनडीए में बिहार के बाहर नीतीश कुमार की पूछ नहीं है या मामला कुछ और है? खैर जो भी हो लेकिन इस मुद्दे पर आरजेडी ने सवाल उठाए हैं तो वहीं जेडीयू ने भी जवाब दिया है.


आरजेडी का कहना है कि नीतीश कुमार को झारखंड में पूछा ही नहीं गया. आरजेडी नेता मृत्युंजय तिवारी ने कहा कि जनता दल यूनाइटेड और नीतीश कुमार झारखंड के अंदर 11 सीटों पर चुनाव लड़ना चाहते थे, लेकिन उन्हें दो सीट देकर उनकी उपेक्षा कर दी गई. भारतीय जनता पार्टी हो या फिर एनडीए के घटक दल के अन्य उम्मीदवार किसी ने भी नीतीश कुमार को झारखंड के अंदर चुनाव प्रचार के लिए नहीं बुलाया. झामुमो के नेतृत्व में महागठबंधन की सरकार बनेगी यह तय है. 


जेडीयू ने आरजेडी को दिया जवाब


आरजेडी के प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी के बयान पर जेडीयू ने भी जवाब दे दिया है. जेडीयू नेता नीरज कुमार ने कहा कि बिहार में जिन चार सीटों पर उपचुनाव हुए हैं वहां नीतीश कुमार ने चुनाव प्रचार किया है. झारखंड में जनता दल यूनाइटेड के संगठन ने चुनाव में काम किया है. जेडीयू के कई नेताओं ने और केंद्रीय मंत्रियों ने झारखंड में प्रचार किया है.


नीरज कुमार ने कहा कि आरजेडी को सवाल पूछने का अधिकार नहीं है. उन्हें तो यह बताना चाहिए कि झारखंड के अंदर लालू प्रसाद यादव ने सिर्फ बेउर जेल के उम्मीदवार और बालू माफिया सुभाष यादव के लिए चुनाव प्रचार किया लेकिन किसी और उम्मीदवार के लिए क्यों नहीं किया? आरजेडी को बताना चाहिए कि झारखंड में किसी आदिवासी या अल्पसंख्यक  समुदाय के व्यक्ति को टिकट क्यों नहीं दिया?


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